देहरादून:केंद्र सरकार ने देश के 111 शहरों के बीच बसने योग्य शहरों का सर्वे कराया था. जिसमें देहरादून को बसने योग्य शहरों की सूची (ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स) में 29वें पायदान पर रखा गया है. हालांकि, केंद्र सरकार ने दो श्रेणी के तहत सर्वे कराया था, जिसमें पहला 10 लाख से कम आबादी वाले 62 शहर और दूसरा 10 लाख से अधिक आबादी वाले 49 शहरों का सर्वे कराया गया. 10 लाख से कम आबादी वाले बसने योग्य शहरों की सूची में देहरादून 29वे नंबर पर है. वहीं, नगर निकाय की सेवाओं के लिए देहरादून नगर निगम 47वें नंबर पर रहा.
बता दें कि देश में बसने योग्य शहरों के सर्वे को लेकर पहली बार साल 2018 में 111 योग्य शहरों के बीच सर्वे किया गया. जिस दौरान केंद्र सरकार ने मात्र एक श्रेणी रखा था. जिसमें देहरादून को 80वें नंबर पर रखा गया था. लेकिन इस बार बसने योग्य शहरों को दो अलग-अलग श्रेणी में रखा गया. जिसके बाद इस सर्वे में देहरादून को राष्ट्रीय औसत पर 51.38 फीसद के मुकाबले 49.81 फीसद अंक मिले. इस सर्वे में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला को 37वां नंबर मिला है.
देहरादून रहने योग्य शहरों की सूची में 29वें पायदान पर, निगम 47वें नंबर पर - ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे
केंद्र सरकार ने देश के 111 शहरों के बीच बसने योग्य शहरों का सर्वे कराया था. जिसमे देहरादून को बसने योग्य शहरों की सूची (ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स) में 29वें पायदान पर रखा गया हैं.
हालांकि, ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में देहरादून के पिछड़ने की मुख्य वजह नगर निगम की खराब शैली को ही माना जा रहा है. देहरादून से लगे सहारनपुर निगम को 22वां स्थान मिला है. जबकि देहरादून नगर निगम को 47वें पायदान पर रखा गया है. देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा के अनुसार पहले के मुकाबले शहर में बेहतर काम किया गया है. साल 2018 में हुए सर्वे के अनुसार देहरादून शहर को 80 वें पायदान पर रखा गया था, जबकि इस बार 29वें नंबर पर रखा गया है. नगर निगम की कार्यशैली में जहां कमी देखी गई है उनको भविष्य में पूरा किया जाएगा.
शहर से जुड़े तमाम बिंदुओं पर किया गया सर्वे
सर्वे में शहर से जुड़ी तमाम सुविधाओं से संबंधित सवाल रखे गए थे. जिसमें मुख्य रूप से शहर रहने के लिए कितना सुगम है. यहां शिक्षा की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था, आवासीय सुविधा, हवा की शुद्धता, शहर की साफ सफाई की स्थिति, आस-पड़ोस से कूड़ा उठाने की व्यवस्था, पीने के पानी की स्थिति, जलभराव की समस्या, शहर में यात्रा करना कितना सुरक्षित और आसान, शहर रहने को कितना सुरक्षित, आपातकालीन सेवाओं की क्षमता, महिला सुरक्षा, मनोरंजन के साधन, बीमा, बैंकिंग, बिजली आपूर्ति और एटीएम आदि की सुविधाएं शामिल हैं.