देहरादूनःउत्तराखंड में पिछले 2 महीने से चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा और गर्मी में ऊंचे ठंडे पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आमद बढ़ने से पर्यटन सीजन अपने चरम पर है. पर्यटकों की लगातार बढ़ रही आमद से उत्तराखंड में राजस्व के रूप में खजाना भी बढ़ता जा रहा है. लेकिन जुलाई माह यानी मॉनसून की दस्तक के बाद से खतरों को देखते हुए गाइडलाइन जारी की गई है.
कोविड-19 महामारी के बाद उत्तराखंड में पर्यटन सीजन में गजब का उछाल देखने को मिला. 2 साल तक रुकी हुई चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ा, तो वहीं उत्तराखंड के अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आमद अच्छी खासी देखी गई. इतना ही नहीं, लोकल पर्यटन स्थलों पर पर्यटक उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ उठा रहे हैं.
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गुच्चूपानी से सबसे ज्यादा राजस्वःबात देहरादून की करें तो देहरादून के गुच्चूपानी, माल देवता, सहस्त्रधारा जैसे रिवर वाले पर्यटन स्थलों पर पर्यटक खूब अठखेलियां लेते देखे जा सकते हैं. देहरादून के रिवर वाले पर्यटक स्थलों की बात करें तो पर्यटन विभाग को देहरादून के गुच्चूपानी पर्यटन स्थल से सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है.
देहरादून पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान के मुताबिक, गुच्चूपानी में केवल पार्किंग से ही पर्यटन विभाग को एक साल में 24 लाख का राजस्व प्राप्त होता है. दूसरी तरफ गुच्चूपानी में जाने के लिए लगने वाले एंट्री पास से विभाग को 1 करोड़ 70 लाख की हर साल कमाई होती है. इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से भी विभाग को सालभर में लाखों का राजस्व प्राप्त होता है.
जॉर्ज एवरेस्ट पर जुटाई जा रही व्यवस्थाएंः मसूरी में पड़ने वाला पर्यटक स्थल जॉर्ज एवरेस्ट से भी पर्यटन विभाग को पार्किंग और कैंप साइट से राजस्व से मिलता है. हालांकि, जॉर्ज एवरेस्ट पर पर्यटन स्थल के रूप में दी जाने वाली जरुरी व्यवस्थाएं व सेवाओं की प्रक्रिया हाल ही में शुरू की गई है. इसलिए जार्ज एवरेस्ट पर राजस्व का आंकड़ा कम है. फिर भी कैंपसाइट के लिए टू मैन कैंप के 200 रुपए और फोरमैन कैंप के 400 रुपए पर नाइट के हिसाब से चार्ज किया जाता है.
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सहस्त्रधारा से लाखों का मुनाफाः इससे महीने में तकरीबन 15 से 20 हजार रुपए विभाग को प्राप्त होता है. इसके अलावा देहरादून के सहस्त्रधारा पर्यटन स्थल से भी स्थानीय लोगों के साथ हुए करार के मुताबिक, पर्यटन विभाग को हर साल 9 लाख रुपए पार्किंग से राजस्व के रूप में प्राप्त होता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो देहरादून प्रशासन को गुच्चूपानी, जॉर्ज एवरेस्ट और सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल से हर साल तकरीबन 2 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है.
मॉनसून पर पर्यटन विभाग का अलर्टःउत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक हो चुकी है. पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तराखंड की नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है. ऐसे में देहरादून प्रशासन ने देहरादून के रिवर वाले पर्यटन स्थलों पर जाने वाले पर्यटकों के लिए गाइडलाइन जारी की है. प्रशासन ने पर्यटकों से बारिश के दिनों में नदी नालों से दूर रहने की चेतावनी दी है. पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान का कहना है कि जरूरत पड़ने पर रिवर वाले पर्यटक स्थलों को बंद भी किया जाएगा.