देहरादून: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देहरादून आईएमए में बनने वाली दो टनल का वर्चुअल शिलान्यास किया है. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे. आईएमए में दो अंडरपास के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है. आईएमए में दो अंडरपास प्रस्तावित है. एक टनल जाने और दूसरी आने के लिए होगी.
इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएमए देहरादून देश-दुनिया की बेहतरीन मिलिट्री एकेडमी में एक है. इसमें हमारे कैडेट्स के साथ-साथ मित्र देशों के कैडेट्स भी ट्रेनिंग लेते हैं. यहां से पासआउट ऑफिसर न केवल युद्ध में वीरता की मिसाल कायम की है. बल्कि, भारतीय सेना का नेतृत्व भी किया है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि कभी-कभी आईएमए में अजीब स्थिति उत्पन्न हो जाती है. परिसर के बीच में कैडेट्स को आने जाने के लिए ट्रैफिक रूकने का इंतजार करना पड़ता है. जिसकी वजह से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कैडेट्स और यात्रियों को काफी परेशानी होती है.
बदलते समय के साथ-साथ राजधानी देहरादून पर भी ट्रैफिक का बोझ बढ़ गया है. इस अंडरपास के निर्माण से NH-72 पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी. इससे न केवल देहरादून की जनता बल्कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा आने-जाने वाले यात्रियों को भी बड़ा लाभ होगा.
देहरादून को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की सौगात.
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आईएमए में प्रस्तावित टनल एक की लंबाई 354.45 मीटर है. वहीं, दूसरी टनल की लंबाई 450.34 मीटर की है. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 1976 से विचाराधीन इंडियन मिलिट्री एकेडमी के लिए अंडरपास का शिलान्यास किया गया है. पिछले 45 सालों चली आ रही मांग को पीएम मोदी ने साकार कर दिया है. 45 करोड़ की लागत से बनने वाली इन दो टनल से आईएमए के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड को होगा.
पीएम मोदी ने पुराना सपना साकार किया- सीएम त्रिवेंद्र
बता दें कि इंडियन मिलिट्री एकडेमी की सुरक्षा के दृष्टिगत लंबे समय से चकराता रोड में दो अंडरपास निर्माण कार्य की मांग चल रही थी. ऐसे में आईएमए में दो अंडरपास के निर्माण से जहा एक तरफ एकेडमी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी. वहीं, चकराता हाईवे पर ट्रैफिक का लोड भी कम होगा. आईएमए एकेडमी में हर वर्ष दो बार कैडेट्स की पासिंग आउट परेड होती हैं. पासिंग आउट परेड और उसकी तैयारियों के दौरान एकेडमी के बीच से गुजरने वाले हाईवे को कई दिनों तक बंद करना पड़ता है.