देहरादून:उत्तराखंड में हरक सिंह रावत और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच की तनातनी पिछले कई दिनों से लगातार जारी थी, लेकिन देहरादून में एक कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं के एक साथ देखने और बेहद सामान्य हालातों में बातचीत से यह लग रहा था कि शायद अब हरक सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच की नाराजगी खत्म हो गयी है. वही, अब अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के एक नए आदेश ने इस विवाद की कहानी को आगे बढ़ाने की रूपरेखा तैयार कर दी है.
दरअसल, हरक सिंह रावत ने कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव दमयंती रावत को लेकर जिस तरह आक्रामक रुख दिखाया था. उसका भी कोई फायदा होता नजर नहीं आया है. हरक सिंह रावत के विरोध के बावजूद भी दमयंती रावत को अब सचिव पद से हटना ही होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक नया आदेश कर सचिव पद पर पीसीएस अधिकारी और श्रम आयुक्त दीप्ति सिंह को तैनाती दी है.
हरक सिंह रावत को नहीं है आदेश की जानकारी
इस आदेश को लेकर जब ईटीवी भारत ने मंत्री हरक सिंह रावत सवाल पूछा तो हरक सिंह रावत ने इसकी जानकारी होने से मना कर दिया साफ है कि श्रम मंत्री की जानकारी के बिना ही कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव पद पर शासन ने जिस तरह दीप्ति सिंह को जिम्मेदारी दी है. उस से एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में हंगामा होना तय है.
जानिए कौन है दीप्ति सिंह
दमयंती रावत की जगह दीप्ति सिंह को अब सचिव कर्मकार कल्याण बोर्ड बनाया गया है. दीप्ति सिंह एक पीसीएस अधिकारी है, दीप्ति को फरवरी में हल्द्वानी श्रम आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे पहले दीप्ति सिंह निदेशक महिला डेयरी, सीडीईओ उधम सिंह नगर, अपर सचिव विज्ञान प्रौद्योगिकी, और सीडीओ पौड़ी भी रह चुकी है. दीप्ति सिंह बागेश्वर की रहने वाली है, और सीडीओ रहने के दौरान एक सरकारी विद्यालय में अपनी बेटी का जन्मदिन मनाने को लेकर खासी चर्चा में आई थी.
खास बात यह है कि दीप्ति सिंह को कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल का करीबी माना जाता है. ऐसे में चर्चा इस बात को लेकर भी है कि सचिव पद के लिए कार्मिक विभाग से आदेश करवाए गए. ताकि विभागीय मंत्री के पास पत्रावली भेजने की जरूरत ना पड़े.