देहरादूनः उत्तराखंड में करीब 1 साल पहले दो इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफएस) अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति (जबरन सेवानिवृत) को लेकर तैयार हुई फाइल अब तक अपने अंजाम पर नहीं पहुंच पाई है. हैरत की बात यह है कि 2 आईएफएस अधिकारियों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए विभागीय स्तर से अनुमोदन हो चुका था, लेकिन ये फाइल शासन से मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच लटकी हुई है. उधर इस बीच इनमें से एक आईएफएस अधिकारी किशन चंद तो निश्चित समय पर ही सेवानिवृत भी हो चुके हैं और दूसरे अधिकारी को टीआर बीजूलाल को उप वन संरक्षक बना दिया गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में 11 आईएफएस अधिकारियों और कई रेंजरों की जांच की फाइल मंगवाई है. बताया गया है कि इन सभी अधिकारियों की विभिन्न मामलों में जांच लटकी हुई थी. ऐसे में मुख्यमंत्री फिर से इन जांचों को खुलवाने के साथ विभिन्न मामलों में कार्रवाई किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं. जिन आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न मामलों में जांच लंबित है, उनमें रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी, जेएस सुहाग, राहुल, किशन चंद का नाम शामिल है. यह सभी वह अधिकारी हैं जो कॉर्बेट में अवैध पेड़ कटान और अवैध निर्माण को लेकर आरोपित किए गए हैं. इनमें अधिकारी राहुल के अलावा अन्य तीनों अधिकारी रिटायर्ड हो चुके हैं.