उत्तराखंड

uttarakhand

लूटकांड मामला: आरोपित पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी के निर्णय पर अटका पेंच

By

Published : Nov 6, 2020, 11:13 AM IST

Updated : Nov 6, 2020, 3:56 PM IST

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों के लूटकांड मामले में तीनों आरोपित पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की फाइल पुलिस मुख्यालय कार्मिक सेक्शन पहुंची. यहां से कई जांच पड़ताल के बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कर फाइल वापस एसएसपी कार्यालय भेज दी गई है.

पुलिस लूटकांड मामला देहरादून
पुलिस लूटकांड मामला देहरादून

देहरादून:वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़वाल आईजी की सरकारी गाड़ी इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों के लूटकांड को अंजाम देने के आरोपित तीन पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई में इस बार मुख्यालय कार्मिक स्तर पर पेंच फंस गया है. बताया जा रहा है कि देहरादून एसएसपी कार्यालय की कार्रवाई में दोषी करार देने के बाद बर्खास्तगी की फाइल पुलिस मुख्यालय कार्मिक सेक्शन पहुंची. जहां से किन्हीं कारणों के चलते कई जांच पड़ताल बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कर फाइल वापस एसएसपी कार्यालय भेजी गई है. ऐसे में एक बार फिर आरोपित तीन पुलिस कर्मियों को कुछ और दिन राहत मिलती नजर आ रही है.

2019 लोकसभा चुनाव में आईजी की गाड़ी इस्तेमाल कर लूटकांड का पूरा मामला

बता दें कि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव दौरान निर्वाचन आयोग के स्टेटिक बनकर एक दरोगा सहित दो पुलिसकर्मियों द्वारा देहरादून के एक प्रॉपर्टी डीलर से करोड़ों रुपए लूटने का मामला सामने आया था. जिसमें तत्कालीन गढ़वाल आईजी अजय रौतेला की सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल किया गया. दरोगा और दो पुलिसकर्मियों द्वारा राजपुर रोड के मधुबन होटल के पास इस लूटकांड से पुलिस विभाग में खलबली मच गई थी. मामला बेहद गंभीर होने के चलते तीनों ही पुलिसकर्मी सहित 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. हालांकि कुछ समय बाद पांचों लोग जमानत पर बाहर आ गए थे. पुलिस की वर्दी को दागदार करने के आरोप के चलते विभाग ने इस पूरे घटनाक्रम पर स्पेशल टास्कफोर्स एसटीएफ को भी जांच सौंपी थी. जांच पड़ताल के दौरान लूट की रकम बरामद नहीं हो पाई. हालांकि जांच के दौरान कई तरह के अन्य सबूत एसआईटी के हाथ लगे.

ये भी पढ़ें:सीएम त्रिवेंद्र ने शुगर मिल को जल्द पीपीपी मोड में संचालित करने के दिए निर्देश

विभागीय जांच में दोषी करार हो चुके हैं तीनों पुलिसकर्मी

वहीं, दूसरी तरफ मामला पुलिस विभाग की छवि धूमिल होने का था. ऐसे में पूरे प्रकरण की विभागीय जांच शुरू हुई. विभागीय जांच की कमान एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल को सौंपी गई. लंबे समय तक चली इस विभागीय जांच में तीनों ही पुलिसकर्मी दोषी करार दिए गए. जिसके बाद एसएसपी कार्यालय ने पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय कार्मिक शिक्षण को बर्खास्तगी की फाइल भेजी. जहां से फिलहाल इस पर आपत्ति दर्ज की गई है. ऐसे में देखना होगा कि कार्मिक विभाग द्वारा दर्ज कराई गई आपत्ति बिंदुओं पर किस तरह से आगे की प्रभावी कार्रवाई हो पाती है.

मामले की गंभीरता के चलते पुलिसकर्मियों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार

बहरहाल उत्तराखंड पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार पाया गया है, जब पुलिस की वर्दी दागदार कर इस तरह से करोड़ों की लूट का मामला सामने आया हो. ऐसे में मुख्यालय स्तर के आला अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि इस अपराध की संवेदनशील और गंभीरता से जांच की जा रही है. जल्द ही आरोपित पुलिस कर्मियों का बर्खास्त होना तय है.

Last Updated : Nov 6, 2020, 3:56 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details