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मानवाधिकारों के प्रति जागरूक उत्तराखंड पुलिस, महिला पुलिसकर्मी ने मारी बाजी

देशभर में पुलिस विभाग में मानव अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए हर साल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है.

पुलिस मुख्यालय देहरादून
पुलिस मुख्यालय देहरादून

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Published : Nov 11, 2020, 5:30 PM IST

देहरादून:पुलिस विभाग में मानव अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने को लेकर हर वर्ष की तरह इस बार भी 10 नवंबर 2020 को पुलिस मुख्यालय में 15वें राज्य स्तर की वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस बार इस प्रतियोगिता में कॉविड-19 महामारी और लॉकडाउन लागू करने में पुलिस की अहम भूमिका पर चर्चा की गई.

बता दें कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली के निर्देश अनुसार पुलिस कर्मियों में मानव अधिकार के प्रति संवेदनशीलता और उसके प्रचार-प्रसार को लेकर वाद-विवाद प्रतियोगिता में कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र के कई प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस बार मानव अधिकारों को लेकर आयोजित इस प्रतियोगिता में कुमाऊं परिक्षेत्र से 6, गढ़वाल परिक्षेत्र से 6 और पीएसी मुख्यालय से 6 सहित कुल 18 चयन किए गए.

पहले स्थान पर रही महिला पुलिसकर्मी

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दरअसल, देशभर में पुलिस विभाग में मानव अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता जागरूकता और प्रचार प्रसार के लिए हर वर्ष राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इसी क्रम में उत्तराखंड पुलिस विभाग में मंगलवार अपर पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के संचालन में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने महानिदेशक अशोक कुमार, सेवावृत्ति महानिदेशक राम सिंह मीणा पुलिस, महा निरीक्षक पूरण सिंह रावत और रिटायर्ड उपमहानिरीक्षक अजय जोशी के समक्ष मानव अधिकारों के प्रति अपने-अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाले 3 पुलिसकर्मियों को अधिकारियों द्वारा उत्साहवर्धक करते हुए सम्मानित किया गया.

इन्हें मिला पुरस्कार-

  • हेड कांस्टेबल सुषमा रानी, 40 वीं वाहिनी पीएसी प्रथम स्थान.
  • उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस गगन मैठाणी, चमोली, तृतीय स्थान.
  • कांस्टेबल प्रशांत राय, 40 वीं वाहिनी, पीएसी तृतीय स्थान.

    वहीं, मानव अधिकार वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को नकद पुरस्कार के साथ ही प्रमाण-पत्र और ट्रॉफी भी प्रदान की गई.

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