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रिपोर्टः सूबे के 60 से 70 प्रतिशत सरकारी इमारतों पर मंडरा रहा खतरा, कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना

बीते 2 सालों में 60 इंजीनियर की 30 टीमों ने अपने स्तर के RVS सर्वे में राज्य के 70 फीसदी भवनों को भूंकप के दृष्टिकोण से बिल्कुल जर्जर बताया. इसके बाद 90 अस्पतालों के 150 ब्लॉकों में अगले स्तर पर SAV और  DVA निरीक्षण किया गया है. जिसमें 65 ब्लॉक ऐसे पाए गए जिन्हें तत्काल प्रभाव से गिराया जाना जरुरी था. क्योंकि हल्के भूकंप भी इन भवनों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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Published : Jul 20, 2019, 7:25 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 8:17 PM IST

reports on government buildings


देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने विश्व बैंक के सहयोग से प्रदेश में सरकारी भवनों को सर्वे किया. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 60 से 70 प्रतिशत सरकारी भवन भूकंप के लिहाज से असुरक्षित हैं. कुछ भवनों को स्थिति तो काफी नाजुक है.

सूबे के 60 से 70 प्रतिशत सरकारी इमारतों पर मंडरा रहा खतरा.

45 मानकों के आधार पर अलग-अलग स्तर पर किए गए इस सर्वे में 90 सरकारी अस्पतालों के 15 ब्लॉक का सर्वे किया गया. जिनमें 65 ब्लॉक ऐसे हैं, जो भूकंप के लिहाज का काफी संवेदनशील है. इनका तत्काल ध्वस्तीकरण करने की जरुरत है.

उत्तराखंड आपदा प्रबधंन विभाग ने विश्व बैंक की मदद से 45 अगल-अगल मानकों के आधार पर तीन अलग अलग स्तर (RVS (रैपिड वनरेबल स्क्रीनिंग), SVA (सरफेस्ड वनरेबल एसेसमेंट) और DVA (डीटेल वनरेबल एसेसमेंट) पर सरकरी भवनों का सर्वेक्षण किया.

बीते 2 सालों में 60 इंजीनियर की 30 टीमों ने स्तर के RVS सर्वे में राज्य के 70 फीसदी भवनों को भूंकप के दृष्टिकोण से बिल्कुल जर्जर बताया. इसके बाद 90 अस्पतालों के 150 ब्लॉकों में अगले स्तर पर SAV और DVA निरीक्षण किया गया है. जिसमें 65 ब्लॉक ऐसे पाए गए जिन्हें तत्काल प्रभाव से गिराया जाना जरुरी था. क्योंकि, हल्के भूकंप भी इन भवनों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

इस सर्वे को अपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूल, अस्पताल के साथ-साथ अन्य वर्गों में भी बांटा है. उसके आधार पर सबंधित विभागों को भी इसकी रिपोर्ट साझा की गई है. ऐसे में इन भवनों के कारण कोई बड़ा हादसा होता है तो विभाग अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है.

क्या है RVS सर्वे टेक्नोलॉजी?

आरवीएस यानी रैपिड वेनरेबल स्क्रीनिंग. इसमें टीम मौके पर जाकर अलग-अलग मानकों का निरीक्षण करती है और उसका डेटा एक मोबाइल एप में स्टोर करती है. सर्वे टीम में एक जूनियर और एक सीनीयर इंजीनियर होता है. इस तरह की 30 टीम बनाई गई थी. जिन्होंने उत्तराखंड के 13 जिलों में 13 हजार सरकारी भवनों का सर्वे किया.

इस डेटाबेस में भवनों को G1 से G5 तक पांच कैटेगिरी में बांटा गया है. G1 से G5 कैटेगिरी में भवन अधिक सुरक्षित से कम सुरक्षित हैं. G4 और G5 की श्रेणी में आने वाले भवन जर्जर हालत में है, जो जमींदोज करने की स्थिति में है. इस टेक्नोलॉजी से पहली बार 45 मानकों के आधार पर सर्वे करवाया गया. इसमें गलतियों की सभावनाएं ना के बराबर होती है. विशेषज्ञों के अनुसार इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसी तरह से अन्य सर्वे में भी किया जा सकता है.

जिले में चिह्निंत सरकारी भवनों को स्थिति-

S.NO. District Unit surveyed Damageability Grade Percentage
Grade 1 Garde 2 Grade 3 Grade 4 Grade 5
1. Almora 791 64 73 80 521 53 17.32
2. Bageshwar 1237 59 76 153 755 194 10.91
3. Champawat 257 33 18 57 139 10 19.84
4. Chamoli 2192 105 94 238 1549 206 9.08
5. Dehradun 1074 134 129 266 540 5 24.49
6. Haridwar 364 9 17 27 248 63 7.14
7. Nainital 472 38 58 125 241 10 20.34
8. Pauri 1914 179 244 341 1110 40 22.10
9. Pithoragarh 1792 153 108 186 1072 273 14.56
10. Rudraprayag 657 155 90 107 273 32 37.29
11. Tehri 1233 61 81 133 851 107 11.52
12. US Nagar 798 10 21 84 668 15 3.88
13. Uttarkashi 1967 23 97 183 1485 179 6.10
Total 14,748 1023 1106 1980 9452 1187

14.44

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सर्वे की गई आरसीसी बिल्डिंग की जिले वार रिपोर्ट-

S.NO. District Unit surveyed Damageability Grade Percentage
Grade 1 Grade 2 Grade 3 Grade 4 Grade 5
1. Almora 250 68 28 47 98 9 38.40
2. Bageshwar 252 44 31 37 120 20 29.76
3. Champawat 91 23 15 21 31 1 41.76
4. Chamoli 749 400 132 62 147 8 71.03
5. Dehradun 234 53 54 57 68 2 45.73
6. Haridwar 31 3 5 6 17 0 25.81
7. Nainital 95 21 17 13 41 3 40.00
8. Pauri 439 146 71 71 144 7 49.43
9. Pithoragarh 507 94 42 72 266 33 26.82
10. Rudraprayag 611 196 90 68 235 22 46.81
11. Tehri 268 47 49 30 131 11 35.82
12. US Nagar 28 5 4 7 12 0 32.14
13. Uttarkashi 532 244 126 111 51 0 69.55
Total 4087 1344 664 602 1361 116 49.13

इन आंकड़ों पर गौर करें तो पूरे प्रदेश में आरसीसी और चिनाई की कुल 11243 बिल्डिगों में 18835 ब्लॉक और इमारतों का सर्वे किया गया. जिसमें 12116 इमारतें G4 और G5 की श्रेणी में आती हैं. इस हिसाब से राज्य की 60 से 70 सरकारी भवन भूकंप के लिहाज अतिसंवेदनशील हैं, जो किसी भी स्तर का भूकंप सहन नहीं कर सकती है.

विभागवार स्थिति-

  • सरकारी भवनों के विभागवार स्थिति पर बात करें तो स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के भवनों की स्थिति काफी खराब है.
  • स्वास्थ्य विभाग में 1309 बिल्डिंगों का सर्वे किया गया. जिसमें 53 फीसदी बिल्डिंग जर्जर हैं.
  • शिक्षा विभाग की 15036 बिल्डिंगों के सर्वें में 54.5 फीसदी बिल्डिंग बदहाल स्थिति में हैं.
  • सबसे बुरे हाल एडमिनिस्ट्रेशन के हैं. यहां कुल 1578 बिल्डिंगों का निरीक्षण किया गया है. जिसमें से 71.7 फीसदी भवन जर्जर हो चुके हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं.
  • पुलिस विभाग की 298 बिल्डिंगों में से 62.1 प्रतिशत बिल्डिंगें भूंकप आने पर टिक नहीं पाएंगी.
  • अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की भी 32 बिल्डिंग का सर्वे किया गया है. जिसमें से 50 फीसदी अंतिम सासें गिन रहे हैं.
  • बाकी अन्य 582 बिल्डिगों में से 61 फीसदी बिल्डिंग भूंकप के लिहाज से बिल्कुल असुरक्षित हैं.

कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य की कुल 18835 इमारतों में से 60 से 70 फीसदी इमारतें G4 और G5 कैटेगिरी में आती हैं.

Last Updated : Jul 20, 2019, 8:17 PM IST

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