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सावधान! मॉनसून में कोरोना के साथ डेंगू करेगा अटैक, जानिए लक्षण और बचाव

एक तरफ जहां कोरोना वायरस का खतरा पहले से ही बना हुआ है. वहीं, मॉनसून सीजन में डेंगू की भी आशंका सताने लगी है. ऐसे में जानिए दोनों बीमारियों के लक्षण और बचाव.

Danger of dengue increased
कोरोना के साथ ही बढ़ा डेंगू का खतरा

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Published : Aug 10, 2021, 8:51 PM IST

ऋषिकेश: इस वक्त बीमारियों को लेकर विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है. मॉनसून सीजन में वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी होना आम बात है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा इन दिनों डेंगू का बना रहता है. वहीं, कोरोना और डेंगू के लक्षण भी एक समान हैं. ऐसे में ज्यादा सतर्क रहने की जररूत है.

इन दोनों बीमारियों के अधिकांशत: लक्षण एक समान हैं. कोरोना और डेंगू का पता जांच के बाद ही पता चल है. राज्य में अब स्कूल-कॉलेज भी खोल दिए गए हैं. ऐसे में खासकर बच्चों को कोरोना और डेंगू जैसे घातक रोगों से बचाना बेहद जरूरी है.

बरसाती मौसम में अब डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका है. डेंगू भी कोरोना की भांति संक्रमण से फैलने वाली जानलेवा बीमारी है. तेज बुखार से शुरू होने वाला यह रोग घातक वायरस के कारण शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित करना शुरू कर देता है. अगर समय पर सही इलाज नहीं मिला तो मरीज की हालत गंभीर हो जाती है.

एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि कोरोना और डेंगू दोनों बीमारियों को रोकने के लिए जरूरी है कि लोग इन बीमारियों के लक्षणों के बारे मे उचित जानकारी रखे. वहीं, कोविड का खतरा अभी टला नहीं है, लिहाजा सभी को मास्क का उपयोग करना आवश्यक है. साथ ही 2 गज की दूरी बनाए रखें. इसके साथ ही डेंगू से बचाव के लिए फुल बाजू के कपड़े पहनें.

एम्स निदेशक ने बताया कि डेंगू एक मौसमी बीमारी है, जो भारत में मुख्य रूप से जुलाई से अक्टूबर तक अपने पैर पसारती है. मादा एडीज मच्छर के काटने से पैदा होने वाले इस रोग में शरीर के प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगते हैं. जिससे रोगी की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती है.

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ऐसे में छोटी आयु वाले बच्चों, डायबिटीज, अस्थमा तथा हृदय रोग से ग्रसित मरीजों में डेंगू संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होता है. उन्होंने बताया कि अभी तक डेंगू के निदान के लिए कोई संतोषजनक टीका उपलब्ध नहीं है.

डेंगू के लक्षण:डेंगू होने पर व्यक्ति को पहले सामान्य बुखार होता है, जो धीरे-धीरे 104 फारेनहाइट डिग्री तक पहुंच जाता है. सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, बेचैनी, आंखों के पीछे दर्द, यकृत में फैलाव होना, ग्रंथियों में सूजन और त्वचा पर लाल चकत्ते होना इसके लक्षण हैं. इसका बुखार तीन प्रकार का होता है. हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम.

डेंगू से बचाव: पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें. साफ और स्वच्छ पानी का ही सेवन करें. खाली बर्तनों को अच्छी तरह साफ करने के बाद, उन्हें उल्टा करके रखना चाहिए. खासकर बरसात के दिनों में फुल बाजू के कपड़े पहनने व मच्छरदानी का उपयोग करने से मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सकता है.

बरसात के मौसम में अपने आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होने दें. ठहरे हुए पानी में कीटनाशक दवा का नियमित छिड़काव करें. ताकि मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाए. रुके हुए पानी को कीटाणुरहित करना बेहद जरूरी है. लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श से रक्त की जांच करानी चाहिए

कोरोना और डेंगू में अंतर: कोविड-19 वायरस सार्स-2 के कारण होता है, जो मुख्यरूप से सांस की बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. यह उस दशा में फैलता है, जब कोई कोविड संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या किसी दूसरे से एकदम करीब से बातचीत करता है. कोरोना में तेज बुखार आता है, लेकिन नाक से खून आने की समस्या नहीं होती है.

जबकि डेंगू का कारण एक प्रकार का वायरस है, जो मच्छर से फैलता है. शरीर में प्रवेश करने के बाद डेंगू का वायरस 3 से 10 दिनों के भीतर लक्षण पैदा करता है. अगर शरीर में तेज बुखार के साथ लाल रंग के चकत्ते या रक्तस्राव होने लगे तो यह डेंगू का रक्तस्रावी बुखार है. इन दोनों बीमारियों के संक्रमण के दौरान रोगी के शरीर में पहले से चल रही पुरानी बीमारियों जैसे डायबिटीज और हृदय रोग होने से इसके परिणाम और अधिक गंभीर हो सकते हैं.

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