देहरादून:उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से लगातार कर्मकार कल्याण बोर्ड चर्चाओं में रहा है. कथित घोटालों पर अब बोर्ड में पूछताछ भी शुरू कर दी गई है. बोर्ड का ऑडिट भी किया गया है. विभिन्न स्तर पर अलग से जांच भी की गई है. लिहाजा अब बोर्ड में हुई विभिन्न खरीद और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामलों पर जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है.
उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष पद से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को हटाए जाने के बाद अचानक सरकार की तरफ से कई जांचों को शुरू करवा दिया गया है. त्रिवेंद्र सरकार ने अपने ही मंत्री को न केवल अध्यक्ष पद से हटाया बल्कि उनके करीबियों को भी बोर्ड की अहम जिम्मेदारियों से दूर किया. इसके बाद बोर्ड में जिन नए पदाधिकारियों और अधिकारियों को लाया गया उनकी निगरानी में ताबड़तोड़ जांच भी शुरू करवा दी गई हैं. भाजपा सरकार ने अपने ही मंत्री के खिलाफ ऐसा क्यों किया इसका जवाब अब तक न तो श्रम मंत्री हरक सिंह रावत दे पाए हैं और न ही त्रिवेंद्र सरकार की तरफ से इस पर कोई बयान जारी किया जा रहा है.
पढ़ें-दुर्मी ताल का CM त्रिवेंद्र करेंगे निरीक्षण, 1971 में भूस्खलन से पहुंचा था नुकसान
कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से की जा रही इस कार्रवाई को हरक सिंह रावत पर दबाव बनाने के रूप में भी देखा जा रहा है. वैसे आपको बता दें कि श्रम बोर्ड में साइकिल बंटवारे से लेकर सिलाई मशीन और टूल किट तक की खरीद पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उधर विभाग में 11 करोड़ के सेनेटरी नैपकिन खरीदने को भी शक की निगाह से देखा जा रहा है. इससे पहले कोटद्वार में अस्पताल बनाए जाने को लेकर 20 करोड़ की रकम निर्माण एजेंसी को देने को लेकर भी सवाल खड़े किए गए थे. बिना वित्त विभाग की मंजूरी के इतनी बड़ी रकम दिए जाने पर उठे सवालों के बाद निर्माण एजेंसी ने यह पैसा वापस भी कर दिया था.
पढ़ें-हल्द्वानी में ज्वेलर्स से मांगी 50 लाख की रंगदारी, व्यापार मंडल ने किया प्रदर्शन
फिलहाल इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की करीबी और कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव रही दमयंती रावत से पूछताछ शुरू कर दी गई है. बोर्ड में सामने आ रही वित्तीय अनियमितता के चलते उनसे इसका जवाब लिया जा रहा है. वैसे इन सवालों के घेरे में केवल दमयंती रावत ही नहीं हैं, बोर्ड के कई कर्मचारी और ईएसआई के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं.
हालांकि श्रम मंत्री हरक सिंह रावत पहले ही कह चुके हैं कि बोर्ड में किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं की गई है. उधर कर्मकार कल्याण बोर्ड ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जांच की कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है. आईएएस अधिकारी षणमुगम की तरफ से तो कुछ आरोपियों पर मुकदमा करने तक की सिफारिश की गई है.