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Dairy Development Department: डेयरी विकास विभाग की इस योजना से पर्यावरण होगा संरक्षित, किसानों को भी मिलेगी राहत - Dairy Development Department

प्रदेश में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. जिससे किसानों को आर्थिकी को मजबूत किया जा सके. डेयरी विकास विभाग ने एक नई योजना के तहत 22 करोड़ रुपए की योजना का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है. जहां से हरी झंडी मिलने के बाद योजना से किसानों को लाभ होगा.

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Published : Feb 12, 2023, 9:15 AM IST

योजना से किसानों को होगा फायदा.

देहरादून:उत्तराखंड में किसानों को बड़ी राहत देने के लिए डेयरी विकास विभाग ने एक नई योजना प्रस्तावित की है. इसके तहत न केवल पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा, बल्कि किसानों को भी खेतों में ही फसल पर अतिरिक्त लाभ भी दिया जा सकेगा. विभाग की तरफ से करीब 22 करोड़ रुपए की योजना का प्रस्ताव केंद्र को दिया गया है, जिसमें केंद्र की 90:10 के अनुपात में भूमिका होगी.

उत्तराखंड में अब किसानों को उनके खेतों पर ही गेहूं की कटाई के साथ ही भूसा बेचने की सहूलियत मिलने जा रही है. इसके तहत उत्तराखंड डेयरी विकास विभाग की तरफ से एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है जिसके तहत विभाग केंद्र की मदद से मशीनों का क्रय करेगा. इसके जरिए डेयरी विकास विभाग खुद किसानों के खेतों पर मशीनों के साथ गेहूं की कटाई कर पाएगा यही नहीं इस दौरान खेतों में ही भूसे बनाने के साथ सरकार खुद इसे खरीदेगी. इस दौरान करीब 6 से ₹7 प्रति किलो का भुगतान सरकार किसानों को भूसे के लिए करेगी. खास बात यह है कि इस दौरान पराली को जलाकर नष्ट करने की पुरानी व्यवस्था को भी खत्म किया जा सकेगा.
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क्योंकि मशीन के जरिए इस पराली को भी भूसे में तब्दील करते हुए इसे भी विभाग की तरफ से खरीदा जाएगा. यह प्रोजेक्ट करीब 22 करोड़ रुपए का है, जिसमें 90% धनराशि केंद्र की तरफ से दी जाएगी, जबकि राज्य को 10% धनराशि का ही वहन करना होगा. खास बात यह है कि पिछले कुछ समय में भूसे के दाम बेहद ज्यादा बढ़ गए हैं और इसलिए राज्य सरकार की तरफ से 50% की सब्सिडी भी दी जा रही है. लिहाजा अब तक जहां राज्य डेयरी विकास विभाग की तरफ से करीब 2000 मीट्रिक टर्न भूसा खरीदा जा रहा था तो वहीं अब विभाग 5 से 6 मीट्रिक टन भूसा खरीदेगा. किसानों से भूसा खरीदने के बाद विभाग की तरफ से किसानों को भूसा कम दामों में भी उपलब्ध कराया जाएगा. इस तरह यह प्रोजेक्ट जहां पराली से होने वाले प्रदूषण को रोक सकेगा तो वही किसानों को भी इससे राहत मिलेगी.

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