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दूध में मेलामाइन मिलाने की खबरों का डेयरी विभाग ने किया खंडन, आंचल डेयरी करेगा रीसैंपलिंग की अपील - News of mixing melamine in Aanchal Dairy milk

खाद्य सुरक्षा विभाग ने जनवरी माह में आंचल डेयरी के 9 सैंपलों को जांच के लिए भेजा था. इनमें से एक सैंपल में दूध में मेलामाइन की अधिक मात्रा पाए जाने की खबर मिली थी. जिसका डेयरी विभाग ने खंडन करते हुए इसे भ्रामक खबर बताया है. उन्होंने कहा आंचल डेयरी एक बार फिर से रीसैंपलिंग के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग से अपील करेगा.

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दूध में मेलामाइन की खबरों का डेयरी विभाग ने किया खंडन

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Published : Mar 22, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 5:39 PM IST

दूध में मेलामाइन की खबरों का डेयरी विभाग ने किया खंडन

देहरादून: जनवरी में आंचल डेयरी प्लांट से दूध के 9 सैंपल क्वालिटी जांच के लिए रुद्रपुर प्रयोगशाला भेजे गए थे. जिसमें आंचल गोल्ड ब्रांड के पैक्ड दूध के सैंपल में 0.08 अधिक पीपीएम मेलामाइन की पुष्टि हुई थी. जिसको लेकर डेयरी विकास विभाग ने आंचल डेयरी के दूध की गुणवत्ता पर उठे सवालों का खंडन किया है.

डेयरी विकास विभाग के संयुक्त निदेशक और यूसीडीएस के एमडी जयदीप अरोड़ा ने बताया कि खाद्य पदार्थों में मेलामाइन की मात्रा 2.5 अधिकतम निर्धारित की गई है. ऐसे में पशुओं के चारे में उपयोग होने वाले कीटनाशक की वजह से भी दूध में मेलामाइन की मात्रा मिल सकती है. उन्होंने आंचल डेयरी के दूध में मेलामाइन मिलाए जाने संबंधी खबर को भ्रामक बताया है.

जयदीप अरोड़ा ने कहा खबर में यह प्रदर्शित किया गया कि फूड सेफ्टी विभाग ने दुग्ध संघ देहरादून में लिए गए दूध के नमूने में बहुत अधिक मात्रा में मेलामाइन पाया है. यह सत्यता से परे है. दुग्ध संघ देहरादून में 10 हजार लीटर दूध प्रतिदिन उपार्जित किया जाता है. लगभग 17 हजार लीटर दूध प्रतिदिन विक्रय होता है. विक्रय के लिए जरूरी अतिरिक्त दूध की पूर्ति दुग्ध संघ उधमसिंह नगर से प्राप्त की जाती है.

ऐसे में दुग्ध संघ की ओर से विभिन्न प्रकार के दूध के निर्माण के लिए मानक अनुसार एसएनएफ बनाए रखने के लिए मिल्क पाउडर का उपयोग किया जाता है. यह प्रक्रिया संपूर्ण भारत में सभी डेयरियों में अपनाई जाती है. यह गलत तथ्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं कि दुग्ध संघ देहरादून द्वारा विक्रय के लिए आवश्यक दूध की पूर्ति मेलामाइन मिलाकर की जाती है. उन्होंने इसे हानिकारक बताया और कहा कि आंचल दूध में कभी भी मेलामाइन का उपयोग नहीं किया जाता है.
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जयदीप अरोड़ा ने कहा खाद्य सुरक्षा विभाग ने जनवरी 2023 में दूध के 9 नमूने लिए, जिसमें से 8 नमूने मानक अनुसार पूरी तरह से सही पाए गए. एक नमूने में मेलामाइन की मात्रा 02.58 पीपीएम पाई गई. जबकि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार दूध में मेलामाइन की मात्रा अधिकतम 02.50 पीपीएम होनी चाहिए. इसी प्रकार एक नमूने में मेलामाइन की मात्रा निर्धारित मानक से 00.08 पीपीएम अधिक पाई गई है.

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए गए सैंपल में ह्यूमन एरर भी हो सकता है. खाद्य सुरक्षा विभाग ने 3 जनवरी 2023 को एक प्रोडक्ट में संबंधित सैंपल मानक अनुसार नहीं पाए जाने को लेकर दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड देहरादून को नोटिस जारी किया है. 30 तारीख की समय सीमा के भीतर अपील किए जाने को पत्र जारी किया गया, लेकिन प्रधान प्रबंधक ने अपील नहीं की. इसके लिए प्रधान प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. ऐसे में कल यानी गुरुवार को सैंपल की टेस्टिंग के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग से दोबारा रीसैंपलिंग की अपील की जाएगी.

दुग्ध संघ ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए गए नमूनों में आंचल छाछ, मिक्स मिल्क ओपन, मिल्क पाउडर, डबल टोंड दूध, गाय दूध, घी, मिक्स मिल्क लूज, आंचल गाय के दूध में मेलामाइन की मात्रा शून्य है और जांच के परिणाम मानक अनुसार सही पाए गए हैं. जबकि आंचल गोल्ड मिल्क में 2.58 पीपीएम मेलामाइन की मात्रा पाई गई है, जो मानक अनुसार सही नहीं है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 5:39 PM IST

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