मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी के इतिहास को लेकर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'सवॉय- सागा ऑफ द आइकॉन' को 10वें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड-2020 में पुरस्कृत किया गया है. मसूरी के 200 साल के इतिहास को सुनहरे पर्दे पर दर्ज करने वाले क्षितिज शर्मा को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री निर्देशक और बेस्ट सिनेमेटोग्राफी के लिए अभिषेक सिंह नेगी को पुरस्कार मिला है.
फिल्म में जाने माने अंग्रेजी लेखक गणेश सैली ने अपनी आवाज दी है. देश-विदेश के कई फिल्म फेस्टिवल में 'सवॉय- सागा ऑफ द आइकॉन' अबतक 19 अवॉर्ड बटोर चुकी है. गणेश सैली और फिल्म निर्माण से जुड़े लोग 10वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड- 2020 जीतने से बेहद खुश हैं.
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सिर्फ चार दिन में हुई शूटिंग
जाने माने अंग्रेजी लेखक गणेश सैली के मुताबिक, एक घंटे की फिल्म को चार लोगों ने चार दिन की मेहनत में परफेक्ट शूट किया है. इस फिल्म को शूट करने के दौरान कोई री-टेक नहीं हुआ था. मसूरी का इतिहास करीब 200 साल पुराना है और होटल सवॉय में मसूरी के इतिहास को लेकर कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं.
सवॉय होटल ने 1920 में अफगान कॉन्फ्रेंस से लेकर, मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, दलाई लामा, पंचेन लामा जैसी शख्सियत की आगवानी की है. यहां घटी कई घटनाएं इतिहास में दर्ज हैं इसलिए फिल्म में सवॉय होटल को फिल्माते हुए मसूरी के इतिहास को दर्शाने की कोशिश की गई है ताकि आने वाला पीढ़ी मसूरी के इतिहास को अच्छे से जान सके.
मसूरी के इतिहास पर किताब जल्द
गणेश सैली के मुताबिक मसूरी का निर्माण कब हुआ है, इसको लेकर वह खोजबीन कर रहे हैं. देश और विदेश से मिली जानकारी और विभिन्न दस्तावेजों के सहारे जल्द ही मसूरी के इतिहास पर किताब लिखने वाले हैं.