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लॉकडाउन में बढ़ीं साइबर क्राइम की घटनाएं, बदले ट्रेंड से पुलिस परेशान

लॉकडाउन के दौरान क्लोनिंग एप डाउनलोड के जरिये भी साइबर हैकर्स ने ऑनलाइन बैंकिंग में सेंधमारी की. साइबर पुलिस के मुताबिक इन दिनों ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें हैकर्स लोगों को झांसा देकर डिजिटल पेमेंट सुविधा को बढ़ाते हुए क्लोनिंग एप डाउनलोड करा रहे हैं, जिससे साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.

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Published : May 30, 2020, 10:57 AM IST

Updated : May 30, 2020, 11:19 AM IST

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लॉकडाउन में बढ़ी साइबर क्राइम की घटनाएं

देहरादून: लॉकडाउन और कोरोना काल के दौरान लोगों ने जमकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया. इस दौरान साइबर क्राइम की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई. साइबर क्राइम की घटनाओं के ट्रेंड में भी बदलाव देखे गये. साइबर पुलिस के मुताबिक जहां एक तरफ इस दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष के नाम पर फर्जी बैंक आईडी का सहारा लेकर लोगों से ठगी हुई, तो वहीं इस दौरान जरूरतमंदों की मदद करने के नाम पर फेक चैरिटी संस्था बना कर भी कई लोगों ने ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया.

लॉकडाउन में बढ़ीं साइबर क्राइम की घटनाएं.


लॉकडाउन के दौरान क्लोनिंग एप के जरिए ऑनलाइन बैंक खातों में सेंध
लॉकडाउन के दौरान क्लोनिंग एप डाउनलोड के जरिये भी साइबर हैकर्स ने ऑनलाइन बैंकिंग में सेंधमारी की. साइबर पुलिस के मुताबिक इन दिनों ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें हैकर्स लोगों को झांसा देकर डिजिटल पेमेंट सुविधा को बढ़ाते हुए क्लोनिंग एप डाउनलोड करा रहे हैं. उधर एप डाउनलोड होने के बाद जब भी बैंक खाताधारक किसी भी तरह की बैंक डिजिटल लेन-देन करता है, तभी हैकर्स उसी क्लोनिंग एप के जरिए यूजर के फोन को रिमोट पर लेकर सभी तरह की ऑनलाइन बैंक डिटेल चुराकर उनके खातों से लाखों रुपये उड़ा लेते हैं.

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इन दिनों हो रहे साइबर क्राइम पर ईटीवी भारत से देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में कार्यरत सर्किल ऑफिसर अंकुश मिश्रा ने विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान तरह-तरह से फेक न्यूज और अफवाहों को सोशल मीडिया के जरिए परोसने वाले अपराध के चलते अभी तक 1,250 मामलों पर रिपोर्टिंग की गई. फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, टिक-टॉक और यूट्यूब जैसे सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए तमाम तरह की अफवाहों को बढ़ावा दिया गया. इसके चलते साइबर क्राइम पुलिस ने लगभग 750 नकारात्मक झूठी खबरों वाली पोस्ट को अलग-अलग सोशल प्लेटफॉर्म से हटाया.

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इतना ही नहीं सोशल मीडिया में लॉकडाउन के दौरान गुमराह और अफवाह फैलाने वाली खबरों की शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड साइबर पुलिस ने 300 से अधिक लोगों की काउंसलिंग कर उनको इस अपराध के प्रति सचेत किया.

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फेक न्यूज अपराध में अबतक 105 मुकदमे दर्ज

फेक न्यूज बनाने वाले लोगों पर अब तक उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस प्रदेश भर में 105 मुकदमे दर्ज कर चुकी है. इतना ही नहीं इसके अलावा उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस में पहुंचने वाली शिकायतों को अलग-अलग जिलों की पुलिस को भी भेजा जा रहा है.

इन राज्यों में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं साइबर हैकर

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन सर्किल ऑफिसर अंकुश मिश्रा ने बताया कि देश में सबसे अधिक साइबर क्राइम के अपराधी राजस्थान के भरतपुर, मेवाड़ सहित पश्चिम बंगाल, असम, यूपी वेस्ट, झारखंड, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सक्रिय हैं. यहां से साइबर हैकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.

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साइबर हैकर्स से इस तरह रहें जागरूक

साइबर क्राइम कंट्रोल पुलिस के मुताबिक लोगों को साइबर हैकर से बचने के लिए जागरूक होना बहुत जरूरी है. फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी से भी जान पहचान बढ़ाना खतरनाक हो सकता है. साथ ही फेसबुक, मैसेंजर के जरिए दोस्ती कर अपनी व्यक्तिगत जानकारी के साथ बैंक डिटेल साझा करना भी जेब पर भारी पड़ सकता है. इतना ही नहीं कई बार सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई तरह की ऐसी लोक लुभावनी जानकारियां और खबरें सामने आती हैं जिनसे बचना भी बहुत जरूरी है.

Last Updated : May 30, 2020, 11:19 AM IST

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