देहरादून:उत्तराखंड के हल्द्वानी में किसान चंद्र प्रकाश जोशी को इंश्योरेंस पॉलिसी में भारी भरकम बोनस दिलाने के नाम पर 3 करोड़ 80 लाख रुपए की साइबर धोखाधड़ी करने वाले मास्टरमाइंड क्रिमिनल को STF टीम ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की गिरफ्त में आया ललित गिरी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वसुंधरा का रहने वाला है.
गिरोह का मास्टरमाइंड ललित गिरी दिल्ली में छिपा बैठा था. उसे उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने मंगलवार (10 अगस्त) रात दिल्ली से गिरफ्तार किया. ललित गिरी ने 50 अलग-अलग बैंक खातों में 3 करोड़ 80 लाख की रकम अपने साइबर क्राइम नेटवर्क के सहयोग से ठगी थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड ललित गिरी को एसटीएफ ने कोर्ट में पेश किया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
जानकारी देते पुलिस अधिकारी. इससे पहले इस साइबर गिरोह से जुड़े तीन अन्य अभियुक्तों- देवेन्द्र त्यागी, सोनू गिरी और अशोक कुमार को पिछले दिनों राजस्थान के जयपुर में शास्त्री नगर पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इन तीन ठगों ने राजस्थान में भी कई किसानों और अन्य लोगों को पॉलिसी दिलाने के नाम पर ढाई करोड़ से अधिक की रकम ठगी है. इन तीनों को भी जल्द रिमांड में लेकर देहरादून लाया जाएगा.
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जांच में बड़ा खुलासा:अभी तक की जांच पड़ताल में पता चला है कि दिल्ली से गिरफ्तार किया गया ललित गिरी इस गिरोह को संचालित करने के लिए फर्जी ईमेल जनरेट करता था. लोगों से धोखाधड़ी कर हड़पी रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक अकाउंट भी ललित गिरी द्वारा ही तैयार किए जाते थे. 50 से अधिक ऐसे बैंक अकाउंट देशभर के अलग-अलग राज्यों में फर्जी तरीके से खोले गए हैं, जहां ठगी का पैसा ट्रांसफर किया जाता है.
वहीं, हल्द्वानी निवासी किसान चंद्र प्रकाश जोशी के साथ 3 करोड़ 80 लाख ठगी की रकम को जिन बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है, उनकी जांच पड़ताल की जा रही है. हल्द्वानी के किसान की रकम और देश के अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी से ली गई धनराशि का पता लगाया जाएगा. फिलहाल इस मामले में पुलिस नेटवर्क के अन्य लोगों की जांच पड़ताल जारी रखे हुए है.
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2017 से 2021 तक तीन करोड़ 80 लाख ट्रांसफर: उत्तराखंड एसटीएफ डिप्टी एसपी चंद्रमोहन के मुताबिक, हल्द्वानी निवासी एक किसान चंद्र प्रकाश जोशी ने बताया था कि इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस दिलाने के नाम पर तीन करोड़ 80 लाख की ठगी की घटना वर्ष 2017 से 2021 तक हुई. वर्ष 2017 में अज्ञात कॉलर ने खुद को बीमा पॉलिसी कर्मचारी बताकर भारी भरकम इंश्योरेंस बोनस दिलाने का झांसा दिया. कॉलर ने उन्हें बताया कि उनके इंश्योरेंस की रकम में अगर वो इन्वेस्टमेंट करते हैं तो अगले 5 साल में उनकी रकम दोगुनी हो जाएगी. इसी लालच में आकर उनके द्वारा अज्ञात कॉलर द्वारा बताए गए अलग-अलग 50 तरह के बैंक अकाउंट में 3 करोड़ 80 लाख रुपए की रकम पिछले 4 सालों में जमा कराई थी.
अपराध का तरीका:एसटीएफ के मुताबिक, देशभर में अलग-अलग राज्यों में सीधे-साधे किसानों को इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर भारी भरकम बोनस दिलाने का झांसा देकर दिल्ली, राजस्थान के कई साइबर क्रिमिनल्स लंबे समय से सक्रिय हैं. गाजियाबाद से गिरफ्तार अभियुक्त ललित गिरी से पूछताछ में ये सामने आया है कि वो अपने सहयोगी देवेंद्र त्यागी (उर्फ आदित्य त्यागी उर्फ विशाल त्यागी) और सोनू गिरी (निवासी इंदिरापुरम गाजियाबाद) के साथ मिलकर पॉलिसी फ्रॉड का अपराध करता था, जिसमें टारगेट को अलग-अलग नामों से कॉल किया जाता था. ये काम देवेंद्र और सोनू करते थे. अभियुक्त से पूछताछ में कई अहम सुराग प्रकाश में आये हैं.
STF के मुताबिक अभियुक्त द्वारा भारत वर्ष में कई अन्य लोगों भी धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है. जिसके सम्बन्ध में अन्य राज्यों की पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है.
राजस्थान में गिरफ्तार तीन अभियुक्तों की जानकारी:देवेंद्र त्यागी, सोनू गिरी और अशोक कुमार को जयपुर (राजस्थान) के शास्त्री नगर थाना पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया है. इन तीनों को जल्द ही ट्रांजिट वारंट पर उत्तराखंड लाया जाएगा.