देहरादून: उत्तराखंड में साइबर फ्रॉड मामले में एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की धरपकड़ और छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी क्रम में गुरुवार को STF और साइबर क्राइम पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. देहरादून के इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पार्क (IT park) से संचालित हो रहे साइबर फ्रॉड नेटवर्क का संयुक्त टीम ने भंडाफोड़ किया है. मामले में छापेमारी में साइबर क्राइम गिरोह के 4 सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है. वहीं, गिरोह में 14 फरार सदस्यों की तलाश जारी है.
एसटीएफ के मुताबिक देहरादून के आईटी पार्क के एक भवन से साइबर फ्रॉड गिरोह का संचालन किया जा रहा था. मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, साइबर फ्रॉड नेटवर्क गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जांच की जा रही है. मामले में एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी की कार्रवाई की गई है, जिसमें कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है.
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान गगन पाल, सिमोन इक्का, मोनू अगरारी और दीपक दिल्ली निवासी के रूप में हुई हैं. यह चारों आरोपी डाटा कलेक्ट कर विदेशी लोगों को फोन कर झांसे में लेते थे और साइबर ठगी को अंजाम देते थे. छापेमारी के दौरान ऑफिस से 20 लैपटॉप सहित कई डेस्कटॉप और मोबाइल के साथ कई अहम डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए हैं. फिलहाल एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर पूरे नेटवर्क की कुंडली खंगालने में जुटी है.
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पकड़े गए चारों आरोपी इस नेटवर्क के जरिए विदेशी नागरिकों को कस्टम अधिकारी बनकर साइबर फ्रॉड को अंजाम देते थे. एसटीएफ के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर फ्रॉड करने वाला यह गिरोह अमेरिका और अन्य देश के नागरिकों को कस्टम अधिकारी बनकर उनके हवाई जहाज से आने वाले सामान को गैरकानूनी बताते थे और फिर कस्टम में फंसने और मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी करने की धमकी देते थे.