देहरादून:देशभर में कोरोना की महामारी को लेकर जहां वर्तमान समय में राष्ट्र एकजुट होकर इससे निजात पाने के प्रयास में जुटा हुआ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देशवासियों का हौसला बढ़ाने के साथ ही एसबीआई बैंक एकाउंट के जरिए पीएम रिलीफ फंड में सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इस विश्वव्यापी जानलेवा आपदा के समय साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी फेक बैंक आईडी बनाकर पीएम रिलीफ फंड में जनता से पैसा एकत्र कर जालसाज़ी करने में जुटे हुए हैं.
कोरोना महामारी के बीच बढ़े साइबर ठगी के मामले. इसको लेकर एसबीआई अधिकारी ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट के रूप में एक ही आईडी- "pm cares @ sbi" नाम से पीएम रिलीफ फंड के लिए जारी की गई है. इसके अलावा कोई दूसरा अकाउंट नहीं है. एसबीआई निवेश सलाहकार ने कहा कि अगर ऐसा कोई सूचना मिले तो एसबीआई कर्मचारियों या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें.
SBI जानकारों की मानें तो साइबर क्राइम और डिजिटल जालसाजों द्वारा असल आईडी से मिलती-जुलती अन्य बैंकों के नाम पर बनाई गयी आईडी से लोगों को ठगा जा रहा है. ऐसे में एसबीआई विशेषज्ञ का मानना है कि डिजिटल पेमेंट के युग में आपको प्रधानमंत्री रिलीफ फंड में सहयोग करने के लिए सही रूप से पहले जानकारी को स्पष्ट रूप में जान लेना जरूरी है, ताकि देशहित का पैसा गलत हाथों में पैसा न जाए.
पीएम रिलीफ फंड डिजिटल पेमेंट करने के लिए किन बातों का रखना है ध्यान:-
भारतीय स्टेट बैंक के निवेश सलाहकार जितेंद्र कुमार डडोना के मुताबिक, भारत सरकार की एक site हैं cert in नाम से, जिसका मतलब है-कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस. ऐसा सुनने में आ रहा है कि कुछ यूपीआई कोड से बैंकों के नाम से फेक आईडी बने हुए हैं जिनके द्वारा साइबर क्राइम तक पीएम रिलीफ फंड के नाम पर जनता से धोखाधड़ी कर पैसा वसूल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देशभर में बैंक द्वारा जागरुकता फैलाने के साथ ही सिविल और साइबर पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है.
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क्या कहती है साइबर पुलिस
देहरादून साइबर पुलिस स्टेशन सीओ अंकुश मिश्रा के मुताबिक पीएम रिलीफ फंड के नाम पर यूपीआई द्वारा कुछ ऐसी मिलती जुलती फ़र्जी आईडी बनाकर यह सब गोरखधंधा चल रहा है. साइबर पुलिस लगातार ऐसे लोगों के जांच-पड़ताल और तलाश में जुटी है जो संकट की इस घड़ी में देश को अलग तरह से आर्थिक चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही किसी भी तरह का सहयोग करने से पहले स्थानीय थाना-चौकी साइबर पुलिस स्टेशन या भारत सरकार व राज्य सरकार संबंधित लोगों से संपर्क करें.
साइबर सीओ अंकुश मिश्रा के मुताबिक, उत्तराखंड साइबर पुलिस ने अपने फेसबुक पेज में उन तमाम फर्जी तरीके से धोखाधड़ी करने वाले वेबसाइट, आईडी व अन्य जानकारियों को जनता के साथ साझा करने का प्रयास किया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के नाम पर भी जिस तरह से धोखाधड़ी सामने आ रही है उसके बारे में भी जनता को जागरुक करने का कार्य किया है.