देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यान क्षेत्र में प्रदेश में बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं. इसके लिए जरुरत है कि बागवानी उत्पादों के उत्पादन के साथ ही मार्केट बढ़ाए जाने पर फोकस किया जाए. साथ ऐसे उत्पादों पर भी फोकस किया जाए, जिनकी मार्केट पहले से ही अच्छी है, लेकिन उत्पादन कम है.
मुख्य सचिव ने किसानों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत वित्तीय, तकनीकी और कारोबारी सहायता उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पीएमएफएमई योजना के अन्तर्गत एक जनपद, एक उत्पाद योजना की साप्ताहिक समीक्षा कर बढ़ावा दिया जाए. इसके साथ ही ऐसे उत्पाद जिनमें अच्छी सम्भावनाएं हैं, लेकिन ओडीओपी में किसी कारणवश कवर नहीं हो पा रही हैं, इसके लिए राज्य स्तरीय योजना तैयार की जाए.
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मुख्य सचिव ने अधिकारियों को एन्टरप्रिन्योर को प्रोत्साहित करने और उन्हें सम्मानित करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा कर सहयोग देने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में माल्टा का बहुत अधिक उत्पादन होता है, जिसकी अधिक उत्पादन होने के कारण अंत में फेंकना पड़ता है. उन्होंने माल्टा की खेती को भी बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर पीपीपी मोड में संचालन किए जाने पर विचार करने को कहा. जिससे स्थानीयों के उत्पाद बर्बाद नहीं होंगे और उनकी कमाई भी बढ़ेगी.
मुख्य सचिव ने प्रदेश में वॉलनट (अखरोट) की खेती में सुधार लाने के लिए उसकी वैरायटी में सुधार लाने की बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेस्ट वैरायटी उत्पादित की जाए. ताकि प्रदेश के अखरोट की डिमांड बढ़े. इसके साथ ही मधुग्राम योजना और कीवी की खेती को पूरे प्रदेश में बढ़ावा दिया जाए.