देहरादून: देश में मोटर व्हीकल एक्ट पर नए संशोधन के तहत बढ़ाए गए भारी जुर्माने की दहशत देहरादून में भी देखने को मिल रही है. वाहनों की फिटनेस के लिए सुबह से शाम तक लोग प्रदूषण जांच केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारों लगाकर खड़े हैं. चालान से बचने के लिए अब सभी लोग प्रदूषण फिटनेस सर्टिफिकेट पाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं. कमोवेश यही हाल इंश्योरेंस कंपनियों का भी है. जहां सुबह से शाम तक गाड़ियों के इंश्योरेंस करवाने की होड़ मची हुई है.
उत्तराखंड में अभी नोटिफिकेशन जारी होना बाकी
उत्तराखंड में अभी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये नए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर होने वाली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार इस एक्ट पर नोटिफिकेशन जारी कर देगी. साथ ही नए जुर्माने की राशि को 50% तक कम किए जाने की भी संभावना है. अगर ऐसा होता तो यह जनता के लिए बड़ी राहत होगी.
पढे़ं-स्टिंग प्रकरण पर बोले हरदा- CBI को पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हूं, सत्य मेव जयते
प्रदूषण जांच केंद्र में अवैध वसूली की शिकायतें
देहरादून में गिने-चुने प्रदूषण जांच केंद्र संचालित होने की वजह से अवैध वसूली की भी शिकायतें सामने आ रही हैं. सरकारी मानक के अनुसार एक वाहन के प्रदूषण जांच के लिए 100 रुपये की कीमत तय की गई है, लेकिन लोगों की शिकायत है कि उनसे 200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. हालांकि प्रदूषण जांच केंद्र को चलाने वाले संचालक का कहना है कि शुरुआती दौर में कुछ शिकायतें आई थीं,लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.
वहीं पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि भारत में ट्रैफिक नियमों को तोड़ना आम बात हो गई है. ट्रैफिक नियम का पालन करवाना आज पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती का कार्य है. उन्होंने कहा कि देश में हर साल लाखों की तादात में रोड एक्सीडेंट के कारण लोगों की जान जा रही है. जिसे रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट को संशोधित किया गया है.
डीजी अशोक कुमार के मुताबिक अभी नया संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन उत्तराखंड में जारी नहीं हुआ है, लेकिन कोर्ट में जाने वाले चालान नए एक्ट के तहत ही देने होंगे. जबकि पुलिस द्वारा ऑन द स्पॉट यानी मौके पर होने वाले चालान कंपाउंडिंग (संयोजन शुल्क) अभी पुराने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ही लिए जा रहे हैं.