LOCKDOWN में बढ़ी घरेलू हिंसा, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान संगीन अपराधों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. ये हम नहीं, आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.
dehradun
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Published : May 7, 2020, 9:13 PM IST
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Updated : May 8, 2020, 12:40 PM IST
देहरादून: लॉकडाउन काल में हर ओर सन्नाटा है. इस सन्नाटे में एक राहत वाली खबर ये है कि उत्तराखंड में अपराधों का ग्राफ भी बहुत नीचे पहुंच गया है. ये हम नहीं पुलिस के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं से लेकर, लूट, डकैती, फिरौती, अपहरण, दुष्कर्म व चेन स्नैचिंग जैसे कई संगीन अपराधों में रिकॉर्ड स्तर पर गिरावट देखने को मिली है. हालांकि घरेलू हिंसा के मामले काफी बढ़ गये हैं.
लॉकडाउन के दरम्यान बीते 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक के अपराध आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 3 साल के अप्रैल माह की तुलना अपराधों में चौंकाने वाले नतीजे सामने आये हैं.
लॉकडाउन में कितना हुआ अपराध, जानिए
वर्ष 2018 से 2020 तक अप्रैल माह के अधिकारिक आंकड़ों की सूची
अपराध
2020
2019
2018
डकैती
0
2
0
लूट
5
17
14
बलात्कार
2
43
42
वाहन लूट
0
2
4
चेन लूट
0
7
10
गृह भेदन
17
35
29
वाहन चोरी
7
68
95
चोरी
24
64
79
हत्या
8
10
12
फिरौती हेतु अपहरण
10
0
1
हत्या हेतु अपहरण
0
0
0
महिला व्यपहरण
0
0
1
अन्य अपहरण
1
12
2
दहेज हत्या
5
7
0
अन्य IPC FIR
453
557
648
कुल योग मुकदमें दर्ज
522
853
960
सड़क दुर्घटनाओं का 3 वर्षीय तुलनात्मक विवरण मात्र (अप्रैल माह का):
लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में सड़क हादसे फ़िलहाल न के बराबर हैं. लेकिन घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की मानें तो स्वभाविक रूप से लॉकडाउन के दौरान सड़क दुर्घटनाएं शून्य की ओर हैं. इतना ही नहीं संगीन किस्म के ज्यादातर अपराध भी कम हो गए हैं. हालांकि प्रॉपर्टी और आपसी रंजिश के चलते हत्या की घटनाओं में कोई खास फर्क नहीं हैं. लेकिन इस दौरान घरेलू हिंसा और मारपीट के मामले पहले की तरह बदस्तूर जारी हैं.