देहरादून: एसटीएफ की टीम ने टाइगर स्किन बरामदगी मामले में एक और मुख्य पोचर को काशीपुर से गिरफ्तार किया है. बता दें कि एसटीएफ वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली और तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की एसओजी की संयुक्त टीम ने खटीमा क्षेत्र में कार्रवाई की. इस दौरान 04 शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 01 टाइगर (बाघ) की खाल व करीब 15 किग्रा बाघ की हड्डी बरामद की थी.
अर्जुन सिंह ने तीन बाघों की हत्या की बात स्वीकारी बाघ की खाल और हड्डियों के साथ चार तस्कर गिरफ्तार:गिरफ्तार चारों तस्कर जनपद पिथौरागढ़ स्थित धारचूला के रहने वाले थे. चारों तस्करों ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया था कि खाल व हड्डियां वे लोग काशीपुर से एक व्यक्ति से लाये हैं जो कि देहरादून का रहने वाला है. तस्करों ने बताया कि वो ही मुख्य शिकारी है. उसने ही टाइगर को मारा है.
बाघों का हत्यारा 'कौआ' गिरफ्तार: एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि हल्द्वानी की एक संयुक्त टीम का गठन कर पोचर की तलाश में भेजी गयी. टीम द्वारा कार्रवाई करते हुए काशीपुर मंडी चौकी क्षेत्र से मुख्य आरोपी अर्जुन सिंह निवासी रिस्पना, नेहरू कॉलोनी जनपद देहरादून को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपी द्वारा पूछताछ में बताया कि उसने ही बड़ापुर रेंज बिजनौर के जंगल में 2 माह पहले इस टाइगर को जहर देकर मारा था. फिर उसकी खाल व हड्डियों को निकालकर रख लिया था. उन्हीं खाल-हड्डियों को इन चार लोगों को बेचने के लिए दिया था. जो खटीमा में माल के साथ पकड़े गये थे. गिरफ्तार आरोपी शातिर वन्य जीव पोचर है. जिसके खिलाफ पहले भी वाइल्ड लाइफ एक्ट के कई मुकदमे विभिन्न जगहों में दर्ज हैं.
ये भी पढ़ें: 12 साल बाद 'पिंजरे' में कैद हुआ कुख्यात शिकारी तोताराम, जानें पूरी कहानी
कौआ उर्फ अर्जुन ने तीन बाघ मारने की बात स्वीकारी: गिरफ्तार आरोपी अर्जुन उर्फ कौआ डेढ़ दशक से वन्यजीवों की तस्करी में लिप्त रहा है. 22 फरवरी 2013 को राजाजी नेशनल पार्क की मोतीपुर रेंज में वनकर्मियों ने पैंगोलिन के 60 किलो शल्क के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था. इसी मामले में अर्जुन की गिरफ्तारी की गई थी. तब माना गया था कि बरामद शल्क के लिए 20 से अधिक पैंगोलिनों को मारा गया था. साल 2012 में नजीबाबाद में बाघ की खाल पकड़े जाने के मामले में भी कौआ का नाम सुर्खियों में आया था. लेकिन तब उसके असली नाम की जानकारी नहीं होने की वजह से वह वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ सका था. शल्क तस्करी के मामले में कौआ को तीन साल की सजा हुई थी. आरोपी ने तीन बाघ मारने की बात स्वीकारी है. मगर यह संख्या कहीं अधिक होने का अंदेशा जताया जा रहा है.