देहरादून: दिल्ली की फार्मा कंपनी की नकली दवाई देशभर में सप्लाई होने की शिकायत पर मुकदमा दर्ज होने के बाद थाना रायपुर पुलिस ने देहरादून और हरिद्वार में छापेमारी की है. इसी बीच करोड़ों रुपए की नकली पेन किलर कैप्सूल और लाखों रुपए की मशीनें बरामद की गई हैं. साथ ही दो आरोपियों को पॉलिटेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर के पास से गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन होने वाले बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.
14 अक्टूबर को कंपनी ने दर्ज कराई थी शिकायत:14 अक्टूबर को विक्रम रावत निवासी गुडगांव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सचिन शर्मा निवासी देहरादून अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर जगसनपाल फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (JAGSONPAL PHARMACEUTICALS LIMITED) कंपनी के नाम से नकली और मिलावटी दवाइयां बेच रहा है. पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद पुलिस टीम को नामजद आरोपी सचिन शर्मा के संबंध में जानकारी मिली कि आरोपी की अमन विहार में एक मेडिकल शॉप है. पुलिस ने तुरंत दबिश देकर सचिन शर्मा और विकास कुमार को गिरफ्तार किया.
राज्यों में सप्लाई करते थे नकली दवाइयां :आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मकदूमपुर गांव, हरिद्वार में उनकी एक फर्जी फैक्ट्री है और गोदावरी, रुड़की स्थित फ्लैट में उनके द्वारा नकली दवाइयां और उससे संबंधित सामग्री रखी हुई है. जिसे वह मूल दवाई की कंपनी के नाम से विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते हैं. फर्म से जितना लाभ प्राप्त होता है, उसको दोनों बराबर-बराबर में बांटते थे. इसके बाद एसएस मेडिकोज की फर्म बनाने के लिए सचिन शर्मा ने अपने नाम पर ड्रग लाइसेंस लिया. साथ ही आरोपी फर्जी बिल अपने लैपटॉप पर एडिट करके तैयार करते थे.
हर साल करोड़ों का मुनाफा:देहरादून पुलिस ने बताया किसचिन शर्मा और विकास जगसन पाल दोनों दवाइयों की कंपनी में काम करते थे. जिससे उन्हें दवाई बनाने की सारी जानकारी थी. कोरोना में दोनों की नौकरी छूट जाने के बाद से दोनों जगसनपाल फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के नाम पर नकली दवाइयां बनाने लगे. एक हफ्ते में दवाई की 10 पेटी यानी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लेते थे, जिन्हें बेचकर आरोपियों ने करोड़ों रुपये कमाए और कई संपत्तियां अर्जित की. दोनों आरोपी एक साल में करीब तीन करोड़ रुपए की कमाई कर रहे थे.