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टेलीग्राम बना साइबर ठगों का नया हथियार, देहरादून के युवा ने लालच में लुटाई गाढ़ी कमाई - परीक्षित कुमार

Fraud with telegram साइबर क्राइम पर लगाम कसने के लिए उत्तराखंड पुलिस सख्ती से काम कर रही है. लेकिन साइबर शातिरों को रोक पाने में असफल साबित हो रही है. अब साइबर शातिरों ने ठगी के लिए टेलीग्राम को सबसे मुफीद हथियार बना लिया है. टेलीग्राम पर अननोन पर्सन को मैसेज भेजकर, उन्हें लालच देकर ठगा जा रहा है.

DEHRADUN
देहरादून

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 11, 2023, 8:44 PM IST

देहरादूनः क्या आप भी टेलीग्राम चलाते हैं ? अगर हां, तो सावधान हो जाइए. क्योंकि व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के साथ-साथ टेलीग्राम पर ठग बिल्कुल पढ़े लिखे लहजे में आपसे बातचीत करके आपको कब चुना लगा देंगे, आपको मालूम भी नहीं लगेगा. ये ठगी आपके लालच या ऑनलाइन काम ढूढ़ने के दौरान हो सकती है. साइबर एक्सपर्ट की माने तो मौजूदा समय में टेलीग्राम पर सबसे अधिक ठगी हो रही है. क्योंकि अन्य साइट पर लोग समझदारी से काम कर रहे हैं. देहरादून में भी एक व्यक्ति जालसाजों के जाल में फंसकर अपने लाखों रुपए खुद जालसाजों को सौंप चुका हैं.

देहरादून के रहने वाले परीक्षित कुमार टेलीग्राम पर नहीं थे. लेकिन एक अलग साइट पर आए संदेश के बाद उनसे टेलीग्राम डाउनलोड करवाया गया. बकायदा आईडी बनवाई गई और फिर शुरू हो गया परीक्षित कुमार के दिमाग पर काबू पाने का सिलसिला. सबसे पहले उनके पास एक ऑनलाइन कमाई का मैसेज आता है. जिसमें सामने वाला व्यक्ति उन्हें बताता है कि आगर आप 10 हजार रुपए इन्वेस्ट करेंगे तो एवज में 20 हजार रुपए मिलेंगे. इसमें परीक्षित कुमार पहले उनसे पूछताछ करते हैं और जब उन्हें लगता है कि सब कुछ ठीक है तो उनकी बातें मानने लगते हैं.
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इसके बाद अचानक परीक्षित को कहा जाता है कि अगर आप 20 हजार देंगे तो एक छोटा सा टास्क पूरा करने के बाद उनके अकाउंट में तुरंत 40 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. परीक्षित जालसाज की बातों में आकर ठग के अकाउंट में 20 हजार रुपए डाल देते हैं. उसके बाद 50 हजार और 80 हजार का निवेश भी कर देते हैं. इसी तरह एक के बाद एक वो 3 लाख रुपए जालसाजों के अकाउंट में जाम कर देते हैं. शुरुआत में परीक्षित के अकाउंट में कुछ रकम भी आती है. लेकिन जैसे ही फ्रॉड उनसे 5 लाख रुपए जमा करने के लिए कहता है तो उन्हें कुछ शक होता है.

उन्होंने पैसा जमा नहीं किया तो उन्हें टेलीग्राम के ग्रुप से हटा दिया जाता है. तब जाकर परीक्षित कुमार को पता लगता है कि उनके साथ फ्रॉड हो गया है. कुछ घंटे तक इधर-उधर सर्च करने के बाद जब उनके हाथ कुछ नहीं लगा तो उन्होंने डालनवाला थाने में पूरी जानकारी दी और ठगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. संबंधित थाने में तैनात इंस्पेक्टर राकेश गुसाईं का कहना है कि मामले की जांच साइबर पुलिस द्वारा की जा रही है.

साइबर एक्सपर्ट मानते हैं कि मौजूदा समय में सबसे बड़ा अड्डा टेलीग्राम बन चुका है. जहां पर लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है. अगर आपके पास भी इस तरह के कोई मैसेज आते हैं तो बिल्कुल भी उन पर विश्वास न करें.

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