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Year Ender 2021: उत्तराखंड में वर्ष 2019-20 की तुलना में 2021 में 30% बढ़ा अपराध

उत्तराखंड में वर्ष 2019-20 की तुलना में 30 नवंबर 2021 तक 30 प्रतिशत अपराध बढ़ा है. इसमें महिलाओं से जुड़े अपराध जैसे दुष्कर्म, हत्या जैसे अपराध सबसे ज्यादा हैं.

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Published : Dec 26, 2021, 3:01 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 10:51 PM IST

DEHRADUN
देहरादून

देहरादूनः उत्तराखंड में साल 2019-20 के मुकाबले इस 2021 में 30% अधिक अपराधों का ग्राफ बढ़ा है. हर साल की तरह साल 2021 में भी महिलाओं से जुड़े अपराध सबसे अधिक हैं. इसमें दुष्कर्म, हत्या और महिलाओं से जुड़े तरह-तरह के अपराध सबसे आगे हैं. पुलिस के मुताबिक साल दर साल महिलाओं से जुड़े अपराधों में त्वरित सुनवाई करने से महिलाएं अपराध के खिलाफ सामने आ रही हैं जिस कारण मुकदमा दर्ज करने की संख्या पिछले सालों की तुलना में बढ़ी है. यही कारण है कि महिला अपराध के आंकड़ों का ग्राफ बढ़ा है.

30 नवंबर 2021 तक 3 हजार से अधिक FIR:उत्तराखंड में जहां जनवरी 2019 में कुल पंजीकृत अपराधों की संख्या 10,139 थी. वहीं, साल 2020 में बढ़कर 10,415 हो गई और अब 30 नवंबर 2021 तक 30 फीसदी बढ़ोतरी के साथ राज्यभर में IPC की अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत दर्ज अपराध मुकदमों की संख्या 13,484 पहुंच गई है. हालांकि, अभी दिसंबर माह का आंकड़ा आना बाकी है. ऐसे में पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019-20 की तुलना 2021 में 30 फीसदी से अधिक उत्तराखंड में अपराध का ग्राफ बढ़ोतरी के रूप में सामने आया है.

2019-20 की तुलना में 2021 में 30 फीसदी बढ़ा अपराध

पीड़ितों की सुनवाई कर अधिक FIR दर्ज: साल 2021 में सभी तरह के अपराध व खासकर महिला अपराध बढ़ोतरी को लेकर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का मानना है कि क्राइम के आंकड़ों के हिसाब से अपराध को नापना मेरे विचार से सही नहीं है. क्योंकि अपराध घटा है या बड़ा है, यह तो जनता की विचारधारणा से सामने आएगा. डीजीपी ने कहा कि 30 नवंबर 2020 को उनके द्वारा डीजीपी का पदभार संभालते ही सख्त और कड़े निर्देश दिए गए.

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उन्होंने बताया कि निर्देश देते हुए कहा कि अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए थाना, चौकी में आने वाली शिकायतों पर गंभीरता से विचार कर अधिक से अधिक मुकदमे दर्ज किए जाएं, ताकि अपराध से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक न्याय मिल सके. उसी का परिणाम है कि क्राइम का ग्राफ आंकड़ा इस तरह का नजर आ रहा है. डीजीपी ने बताया कि गंभीर तरह के अपराधों में उत्तराखंड पुलिस का वर्कआउट 88% है. अपराध में प्रॉपर्टी रिकवरी 70% तक हमारी पहुंच गई है. यह दोनों तरह के प्रदर्शन देश की टॉप पुलिसिंग की श्रेणी में आते हैं.

अपराध नियंत्रण पर जोर देना जरूरीःकानून जानकार और वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना है कि यह अपने आप में चिंता का विषय है. जहां एक ओर हम 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देशभर में बुलंद कर रहे हैं. वहीं, देवभूमि में महिला अपराध साल दर साल बढ़ना यह गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना से अधिक सुनवाई कर दर्ज मुकदमे की संख्या बढ़ाने वाली बात ही काफी नहीं. पुलिस तंत्र को अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए और अधिक कौशल और जिम्मेदार बनाना होगा. वहीं, दूसरी ओर समाज के लोगों को भी महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के ऊपर अपराध के खिलाफ जागरूक होना होगा.

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एक नजर वर्ष 2019 से 30 नवंबर 2021 तक IPC की अलग-अलग धाराओं में दर्ज मुकदमे

अपराध शीर्षक - 2019 - 2020 - 2021

बलात्कार 497 517 688
डकैती 14 5 14
हत्या 174 139 182
लूट 121 96 127
गृहभेदन 346 315 455
वाहन चोरी 839 511 888
चोरी 835 629 1113

महिला

Elopement

281 209

344

(IPC 363,366)

चेन लूट/स्नैचिंग 41 09 26
अन्य अपहरण 67 39 89
हत्या हेतु अपहरण 0 1 4
फिरौती हेतु अपहरण 2 2 4
वाहन लूट 17 10 12
अन्य IPC में FIR 6853 7873 9473
दहेज हत्या 52 20 65
योग- 10,139 10,415 13,484

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Last Updated : Dec 28, 2021, 10:51 PM IST

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