देहरादून:पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव आने से अपराध का ग्राफ में काफी सुधार देखा जा सकता है. साल 2018 और 2019 में जनवरी से जुलाई के बीच के आंकड़ों की तुलना में जनवरी से जुलाई के बीच अपराध के आंकड़ों में आशाजनक प्रतीत होते हैं.
डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि अधिकारी से लेकर सिपाही जो काम कर रहे हैं उनके अच्छे रिजल्ट सामने आ रहे है. साथ ही पुलिस अधिकारी रात भर गश्त कर रहे हैं और रात में बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग से भी घटनाओं में काफी कमी आई है. देहरादून में पिछले दो सालों में जनवरी से जुलाई तक के मुकाबले इस साल 2020 जनवरी से जुलाई तक बहुत ही कम अपराध हुए हैं जो इस प्रकार है.
लॉकडाउन में घटा अपराधों का ग्राफ. घटनाओं का आंकड़ा
डकैती की घटना साल 2018 मे शून्य थी वहीं इस वर्ष भी शून्य है. लुट की वारदात 2018 मे 16 थी और 2019 में 26 थी परंतु इस साल मात्र 6 हुई हैं. कोशिश जारी है कि इसे शून्य पर लाया जाए. चेन स्नैचिंग की घटना 2018 में 15 थी जो घटकर 2019 मे 11 रह गयी थी. परंतु 2020 में यह आंकड़ा शून्य है. हालांकि घर मे चोरी की घटना 2018 मे 53 थी वहीं 2019 मे यह बढ़कर 68 हो गई थी परंतु 2020 मे 36 रह गई है.
इसके अलावा हम यदि वाहन चोरी की वारदात को देखें तो 2018 मे 112 वाहन चोरी हुई थी, साल 2019 मे 98 थी. परंतु 2020 में यह आंकड़ा घटकर 53 रह गई है. बात अन्य चोरी की करें तो 2018 में यह 127 थी तो 2019 मे यह घटकर 115 रह गई थी, जोकि इस वर्ष मात्र 67 रह गई हैं.
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देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि पुलिस के तमाम अधिकारी दिन रात मेहनत कर रहे हैं. अब उनकी मेहनत का परिणाम भी सामने आ रहे हैं. जिस कारण संपत्ति अपराध में कमी आई है. वहीं लॉकडाउन में भी अपराधों का ग्राफ कम हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि अधिकतर मामलों में रिकवरी भी हो रही है. हमारा मुख्य फोकस है क्राइम को रोकना है, अधिकारी और जवानों के काम का परिणाम उत्साहवर्धक है और आगे भी हमारो कोशिश निरंतर जारी रहेगी.