देहरादून:वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन से रोजगार, व्यापार व नौकरियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इन सेक्टरों में संकट और भी गहराता जा रहा है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन की किश्त देने वाले ग्राहकों को अगस्त माह तक ईएमआई स्थगित कर बड़ी राहत दी है. लेकिन बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो आरबीआई की इस छूट से जहां बैंक को बहुत बड़ा घाटा होने जा रहा है तो वहीं ग्राहकों की लोन ईएमआई पेंडिंग होने के चलते उसमें चक्रवर्ती ब्याज लगकर आगामी समय में उसका भार अधिक होने वाला है. ऐसे में जानकारों के मुताबिक EMI छूट को देरी से देना आर्थिक रूप से आने वाले दिनों में भारी पड़ सकता है.
लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग लोन, ईएमआई और क्रेडिट कार्ड जैसे तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर कैसे सावधान रहा जाए, जानिए देहरादून एसबीआई बैंक के इन्वेस्टमेंट हेड जितेंद्र डिडोन से...
तय समय में लोन किश्त देना समझदारी
एसबीआई इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डिडोन का मानना है कि जिस तरह से आरबीआई ने लोन लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई में पहले 3 महीना और अब 3 महीने यानी 6 महीने के लिए छूट दी है. वह ग्राहकों को काफी भारी पड़ सकती है, क्योंकि आरबीआई ने छूट देने के साथ ब्याज में कटौती की कोई बात नहीं कही है. ऐसे में संबंधित बैंक ग्राहक पर चक्रवर्ती ब्याज लगाकर आगामी समय में एक साथ भारी भरकम ईएमआई का रुपया वसूल कर सकते हैं. समझदारी इसी में है कि जितना हो सके, समय से ही लोन ईएमआई बैंक में जमा कर दी जाए ताकि आने वाले समय बड़े भारी भरकम ब्याज दर से बचा जा सके.