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राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद बड़ा कदम, प्राइवेट अस्पतालों में रहेंगे बेड रिजर्व

देहरादून जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बाकी जिलों की अपेक्षा काफी ज्यादा है. ऐसे में दून अस्पताल पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के लिए कोरोना बेड फिक्स कर लिए गए हैं.

दून मेडिकल कॉलेज
दून मेडिकल कॉलेज

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Published : Sep 8, 2020, 6:36 PM IST

देहरादूनःदेश के साथ ही प्रदेश में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 25 हजार 436 के पार पहुंच गई है. हालांकि, स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. प्रदेश में अभी भी 7000 से ज्यादा एक्टिव केस हैं. जिसमें अकेले देहरादून जिले में सर्वाधिक 5000 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं. गंभीर बात ये है कि ये आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में अब दून मेडिकल कॉलेज पर भी कोरोना मरीजों के लिए बेड कम पड़ने लगे हैं. जिसके लिए अस्पताल में आईसीयू बेड बढ़ाने का फैसला लिया गया है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ. अनूप डिमरी ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब दून मेडिकल कॉलेज में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. इसके तहत अस्पताल में 100 अतिरिक्त आईसीयू बेड की व्यवस्था की जाएगी. इस वक्त दून अस्पताल में 35 आईसीयू बेड हैं. जिसमें 30 कोरोना संक्रमित मरीज और पांच संदिग्ध मरीज हैं.

वहीं, दूसरी तरफ मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मैक्स अस्पताल, सीएमआई अस्पताल और जॉलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित करने के बात की थी, जिस पर रजामंदी भी हो चुकी है. इसके तहत जॉलीग्रांट के हिमालयन अस्पताल में 90 बेड आरक्षित किए गए हैं. वहीं, मैक्स अस्पताल में 41 और सीएमआई अस्पताल में 44 बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित किए गए हैं.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ. अनूप डिमरी ने बताया कि दून मेडिकल कॉलेज की ओर से अन्य निजी अस्पतालों से भी बेड रिजर्व करने की अपील की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ दून मेडिकल कॉलेज की ओर से जरूरत पड़ने पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों को नि:शुल्क वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जिससे कि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके.

गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से एनएबीएच (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स) के अंतर्गत आने वाले सभी निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की अनुमति दे दी गई है. जिसके लिए रेट भी निर्धारित कर दिए गए हैं. ऐसे में यदि कोई कोरोना संक्रमित निजी अस्पताल में इलाज के लिए जाता है तो वह निर्धारित दर पर ही अपना इलाज करा सकेगा, जो शासन द्वारा निर्धारित किया गया है.

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