देहरादून:राजधानी देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दस साल की नाबालिग बच्ची के साथ बालात्कार करने के मामले में उसके चचेरे भाई को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषी पर 30 हज़ार का आर्थिक दंड भी लगाया है. जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतने का अदालत ने आदेश दिया है. वहीं कोर्ट ने सबूतों के अभाव में पीड़िता के ताऊ यानी दोषी के पिता को बरी कर दिया है.
पढ़ें-गजब! एक ही दुकान में चोरों ने पांचवीं बार की चोरी, नींद में पुलिस प्रशासन
इस मामले में एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता अरविंद कपिल ने बताया कि पीड़िता के ताऊ को दोषमुक्त किया गया है, जबकि पीड़िता के चचेरे भाई पर दुष्कर्म का दोष साबित हुआ है. साल 2018 से चले इस कानूनी प्रक्रिया में दोषी के खिलाफ सभी तरह के पर्याप्त सबूत, एफएसएल व मेडिकल रिपोर्ट सही पाई है. कोर्ट ने धारा 376 भारतीय दंड संहिता 1807 व धारा 6 लैंगिक अपराध अधिनियम 2012 के अंतर्गत दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.