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उत्तराखंड रोडवेज के घाटे से उभारने के बजाय डुबाने में लगे कंडक्टर, पड़ताल में उजागर हुआ बड़ा भ्रष्टाचार

उत्तराखंड परिवहन निगम के कंडक्टर निगम को घाटे से उभारने के बजाय, उसे डुबाने में लगे हुए हैं. ये बात ऐसे ही नहीं कही जा रही है, बल्कि इसका खुलासा उत्तराखंड परिवहन निगम के MD की पड़ताल में हुआ है.

उत्तराखंड रोडवेज
उत्तराखंड रोडवेज

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Published : Jul 7, 2022, 3:34 PM IST

देहरादून:यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम ने देहरादून-दिल्ली के बीच नॉन-स्टॉप वॉल्वो सेवा शुरू की है, लेकिन इन नॉन स्टॉप वॉल्वो सेवा के नाम पर उत्तराखंड परिवहन निगम के कुछ कर्मचारियों यात्रियों से अवैध वसूली कर रहे हैं. शिकायत परिवहन निगम के एमडी तक पहुंचा तो उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई तो सच्चाई सामने आ गई.

हैरानी की बात है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में वॉल्वो बस के कंडक्टर भी शामिल हैं. परिवहन निगम के एमडी ने साफ किया है कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा. सच का पता लगाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंधक निदेशक रोहित मीणा साधारण यात्री बनकर दिल्ली आईएसबीटी पहुंचे. उन्होंने देहरादून-दिल्ली नॉन-स्टॉप वॉल्वो बस के कंडक्टर से मुजफ्फरनगर तक का टिकट मांगा, लेकिन बस कंडक्टर ने नॉन-स्टॉप सेवा के नाम पर देहरादून तक का किराया 809 रुपए ले लिया, जबकि टिकट मुजफ्फरनगर का ही 391 रुपए का काटा. ऐसे में सीधे 418 रुपए कंडक्टर की जेब में गए.
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कंडक्टर का ये कारनाम देखकर प्रबंधक निदेशक रोहित मीणा भी हैरान रह गए. उन्होंने मौके पर ही कंडक्टर अमन कुमार विशेष श्रेणी संविदा कर्मी को बर्खास्त किया और परिवहन निगम की पर्वतन टीमों को आदेश दिया कि सभी नॉन स्टॉप वॉल्वो बसों की सख्ती से चेकिंग की जाए. बता दें देहरादून-दिल्ली-देहरादून के बीच रोजाना करीब 24 वॉल्वो बसें संचालित होती है. इसके से कुछ बसें नॉन स्टाप है, लेकिन नॉन स्टॉप बसों में भी कंडक्टर बीच की सवारी बैठकर उसने दिल्ली-देहरादून के बीच का पूरा किराया वसूल रहे थे, बाकि पैसा अपने जेब में डाल रहे थे, जिसका खुलासा खुद उत्तराखंड परिवहन निगम के एमडी ने किया.

वॉल्वो में स्टाफ की अनुमति नहीं: वॉल्वो बसों में इस तरह का भ्रष्टाचार सामने आने के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम के एमडी ने आदेश जारी किया है कि अब से वॉल्वो बसों में स्टाफ को नहीं बैठाया जाएगा. अब प्रवर्तन टीमें लगातार वॉल्वो की चेकिंग करेगी. अगर रोडवेज के किसी स्टाफ को वॉल्वो से सफर करना है तो उसके लिए पहले परिवहन मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी. वहीं, वॉल्वो बस में अगर अतिरिक्त कर्मी क्लीनर में तैनात है, तो उसकी भी निगम कार्यालय से अनुमति लेकर स्लिप बनानी होगी.

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