देहरादून: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशभर में डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं कोरोना संक्रमण के बीच अपने दायित्व का निर्वहन करने वाले इन प्रहरियों को पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स की संज्ञा दी है. ऐसे में ये कोरोना वॉरियर्स हमारी आपकी सुरक्षा में दिन रात लगे हुए हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में ये अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर हैं.
लॉकडाउन के बीच जितनी तारीफ डॉक्टरों की हो रही है, उतनी ही तारीफों के पुल पुलिसकर्मियों के लिए भी बांधे जा रहे हैं. क्योंकि अपनी सुरक्षा की बिना परवाह किए ये पुलिसकर्मी दिन-रात सड़कों पर खड़े रहकर, लॉकडाउन को सफल बना रहे हैं. हालांकि, इन्हें कोरोना ड्यूटी निभाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि ये पुलिसकर्मी कोरोना से परिवार को बचाने के लिए उनसे दूरी बनाए हुए हैं.
वहीं उत्तराखंड में महिला पुलिसकर्मियों के सामने दोहरी चुनौती है. ईटीवी भारत ने जब महिला पुलिसकर्मियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने बच्चों से दूर रहना पड़ रहा है. पुलिसकर्मियों ने बताया कि वह अगर घर भी जा रही हैं तो एकांत और एक कमरे में रहकर पूरा समय बिताती हैं. फिर अगले दिन ड्यूटी पर पहुंचना पड़ता है. ना बच्चों से मुलाकात होती है और ना ही परिवार के दूसरे सदस्यों से.