देहरादून: प्रदेश सरकार जहां एक ओर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर अनलॉक के दौरान तमाम पर्यटक स्थलों पर लोगों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी देखने को मिल रहा है. जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावनाएं प्रबल हो रही है. पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़, आने वाले समय में काफी मुश्किलें खड़ी कर सकती है. जानें इसके पीछे की वजह...
उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावना है. यही वजह है कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन स्थलों को बेहतर और व्यवस्थित करने की कवायद में जुटी रहती है. यही नहीं, हर साल उत्तराखंड राज्य में करीब चार करोड़ सैलानी धार्मिक और अन्य पर्यटन गतिविधियों के लिए आते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू की वजह पिछले दो सालों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम रही है. जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की आर्थिकी को नुकसान पहुंचा है.
वहीं, जैसे ही कोरोना के मामलों में कमी आई, वैसी ही अनलॉक प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हो गई. उधर, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक के बाद वर्तमान समय में मिली छूट के बाद प्रदेश के तमाम पर्यटक स्थल, सैलानियों से गुलजार हैं. वहीं, इन गतिविधियों के कारण पर्यटन से जुड़े व्यापारियों को 'संजीवनी' मिल रही है.
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अनलॉक के दौरान पर्यटकों ने एक बार फिर से उत्तराखंड की ओर रुख करना शुरू कर दिया है. पर्यटकों की आमद से कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को और भी बल मिल गया है. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों, खासकर नैनीताल और मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण के फैलने की की संभावनाएं बढ़ गई है. पर्यटक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है, जिसके बाद से सरकार सख्ती बरत रही है.
लिहाजा, इस परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने अब कर कस ली है. पर्यटक स्थलों पर आने वाले सैलानियों की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ताकि उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के बाद बनीं स्थिति दोबारा से ना बने. हालांकि, वर्तमान समय में रोजाना जारी होने वाले हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना संक्रमण के नए मामले में काफी कमी देखी जा रही है.
इसके साथ ही कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों मरीजों की संख्या में भी काफी कमी दिख रही है. लेकिन जो हालात वर्तमान समय में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बने हुए हैं, ऐसे में कोई दो राय नहीं है कि अगर पर्यटकों की भीड़ में कोई भी संक्रमित व्यक्ति हो तो वह तमाम लोगों को संक्रमित करने के लिए काफी है. जिससे हालात बदतर हो सकते हैं. वहीं, कोरोना की संभावित तीसरी लहर को काफी खतरनाक मानी जा रहा है, जिसके लिए सरकार मुस्तैद है.