देहरादून: क्या उत्तराखंड के सबसे ज्यादा सुविधाओं से लैस दून मेडिकल कॉलेज प्रदेश सरकार के मंत्रियों के लिए बेकार साबित हो रहे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सतपाल महाराज को अपने परिवार के साथ दून अस्पताल में एडमिट होने की जगह, 35 किलोमीटर दूर एम्स में भर्ती होना पड़ा. दून मेडिकल कॉलेज पर इतना दबाव है कि खुद अस्पताल के कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव होने लगे हैं.
दून मेडिकल कॉलेज में 200 बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखा गया है. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर मरीजों का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. मौजूदा समय में अस्पताल में करीब 120 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जबकि 30 मरीजों को अपनी रिपोर्ट का इंतजार है. वैसे दून मेडिकल कॉलेज की क्षमता इतनी नहीं है कि वह इतने मरीजों को संभाल सके.
दून मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया की महिला डॉक्टर पॉजिटिव निकली है. जिसके बाद डॉक्टर के संपर्क में आने वाले लोगों को भी क्वारंटाइन किया गया है. जिस तेजी से दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अस्पताल के सारे बेड मरीजों से भर जाएं.