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कोरोना से पोल्ट्री फार्म पर संकट के बादल

दुनिया भर को सता रहा कोरोना पोल्ट्री फार्म व्यवसाय का भी दुश्मन बन गया है. बाजार में चिकन की डिमांड लगभग बंद हो गई है. डोईवाला के मुर्गी पालक बेहद डरे हुए हैं. मुर्गी पालक सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उनके व्यवसाय को सुरक्षा नहीं दी जा रही है. मुर्गी पालक यूपी सरकार के प्रयासों को सराह रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार से निराशा जता रहे हैं.

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मुर्गी पालन हुआ बंद

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Published : Mar 17, 2020, 1:39 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 3:26 PM IST

डोईवाला: इस समय हर तरफ कोरोना की दहशत है. जब ये पता चला कि चीन में कोरोना जानवरों का मांस खाने से फैला तो भारत के लोगों ने मांसाहार कम कर दिया. इससे मुर्गियों और अंडों की खपत भी बाजार में कम हो गई. डोईवाला के मुर्गी पालक चिकन और अंडों के दाम गिरने से बेहद परेशान हैं.

पोल्ट्री फार्म पर संकट के बादल.

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मुर्गी पालकों का कहना है कि मुर्गी फार्म तैयार करने में उनकी बहुत ज्यादा लागत आई. अब कोरोना के कारण लोग चिकन नहीं खा रहे तो इसके दाम जमीन पर आ गए हैं. इससे उनको भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि मुर्गी पालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है.

पूर्व प्रधान उमेद बोरा ने कहा कि हजारों किसान आजीविका चलाने के लिए पोल्ट्री फार्म का व्यवसाय कर रहे हैं. लेकिन कोरोना के बाद चिकन की मांग बंद होने से मुर्गी पालन व्यवसाय बंदी की कगार पर पहुंच गया है.

डोईवाला के मुर्गी पालक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कदम की तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि उत्तराखंड सरकार को भी पोल्ट्री फार्म की बेहतरी के लिए यूपी सरकार जैसा ही कदम उठाना चाहिए.

Last Updated : Mar 17, 2020, 3:26 PM IST

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