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कोरोना से पर्यटन व्यवसाय चौपट, व्यापारियों ने सरकार से की आर्थिक मदद की मांग

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Published : May 3, 2021, 1:01 PM IST

मसूरी में कोरोना के कारण पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है. व्यापारियों के सामने रोजी-रोजी का संकट आ गया है.

tourism business in mussoorie
मसूरी में कोरोना से पर्यटन व्यवसाय चौपट

मसूरी: कोरोना संक्रमण से पर्यटन नगरी की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. होटल व्यवसाय हो या छोटे व्यापारी कारोनाकाल ने सभी को प्रभावित किया है. हालात पिछले साल कोरोना लॉकडाउन से ही खराब हैं, वहीं कोरोना की दूसरी लहर ने व्यवसायियों की कमर तोड़ दी है. कोरोना कर्फ्यू के कारण व्यापारियों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है.

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएन माथुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने पर्यटन उद्योग को चौपट कर दिया है. एक ओर व्यवसाय खत्म हो चुका है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने बिजली की दरें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाने पर पर्यटक आ सकते हैं. लेकिन ऐसे माहौल में पर्यटकों भी आने से डर रहे हैं. दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में पूरा पर्यटन शून्य रहा और मई माह में भी यही अंदाजा लगाया जा रहा है. उसके बाद भी नहीं लगता की कोरोना से राहत मिलेगी. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी को राहत दें. जिसमें बिजली, पानी के बिलों को कम किया जाए, हाउस टैक्स कम किया जाए व कर्मचारियों के वेतन में सहयोग करें.

उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि कोरोना से पूरे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है. क्योंकि उत्तराखंड की आर्थिकी पर्यटन पर आधारित है. कोरोना से सभी वर्ग के लोगों को नुकसान हुआ है.

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मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी की रोजी-रोटी व रोजगार पर्यटन पर आधारित है. लेकिन कोरोना के चलते सभी क्षेत्रों में नुकसान हुआ है. यहां तक कि लोगों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी कोरोना में बहुत नुकसान हुआ व सरकार से मांग की थी कि व्यापारियों को आर्थिक पैकेज दिया जाए. लेकिन सरकार ने कोई मदद नहीं की. वहीं इस बार भी मांग कर रहे हैं कि बिजली, पानी के बिल माफ और कर्मचारियों के वेतन में मदद की जाए. लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

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