देहरादून:रक्षाबंधन के पर्व के बाद अब आगामी 11 और 12 अगस्त को देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. वहीं, जन्माष्टमी में कोरोना वायरस का असर साफ देखने को मिल रहा है. कोरोना महामारी की वजह से कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस साल पहले की तरह धूमधाम से नहीं मनाया जाएगा. जन्माष्टमी को लेकर बाजारे सजने लगी है, लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.
बता दें कि भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर एक तरफ मंदिरों के साथ ही स्कूलों में भव्य समारोह का आयोजन होता है. वहीं, हिंदू धर्म से जुड़ें सभी लोग अपने-अपने घरों में श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं.
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि, हर साल की तरह इस साल भी उन्होंने जन्माष्टमी के पर्व को देखते हुए अपनी दुकान में छोटे बच्चों के लिए वृंदावन से राधा- कृष्ण के कपड़े मंगवाए हुए हैं. लेकिन स्कूलों और मंदिरों में कोई भव्य समारोह न होने की वजह से उनकी बिक्री पर खासा असर पड़ा है.
वहीं, बाजारों में छोटे बच्चों के लिए मिलने वाले राधा कृष्ण के वस्त्र 200 रुपये से शुरू होकर एक हजार रुपये तक उपलब्ध है. इसके अलावा कृष्ण मुकुट, बांसुरी इत्यादि भी बाजार में बच्चों के लिए सजाई गई है.