देहरादून/हरिद्रार/मसूरीः देश के साथ-साथ प्रदेश में बढ़ती कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को रोकने के लिए राज्य सरकार ने उत्तराखंड के बॉर्डर में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की टेस्टिंग कर रही है.
दून जिला प्रशासन आशारोड़ी बॉर्डर पर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों का कोरोना टेस्ट करने के बाद ही दून में प्रवेश की इजाजत दे रहा है. लेकिन रोडवेज बसों में सवार बाहरी राज्यों के लोगों को बिना कोरोना जांच के ही प्रदेश में एंट्री दी जा रही है. जिला प्रशासन रोडवेज बसों के यात्रियों का आईएसबीटी में भी कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहा है.
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आईएसबीटी इंचार्ज का कहना है कि आईएसबीटी में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना टेस्ट की कोई भी व्यवस्था नहीं है. साथ ही जिला प्रशासन से कोरोना टेस्ट करने के लिए आईएसबीटी चौकी को भी कोई सामान नहीं दिया है.
वहीं जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि जो रोडवेज की बसें देहरादून आ रही हैं, उन्हें आईएसबीटी पर चेक किया जा रहा है. जिला प्रशासन उन बाहरी राज्यों से आने वाले सवारियों की टेस्टिंग कर रहे जहां कोरोना के ज्यादा केस आ रहे हैं. राज्य सरकार की एडवाइजरी के हिसाब से जिसको सर्दी, खांसी और जुखाम जैसी शिकायत है, ऐसे लोगों की टेस्टिंग की जा रही है.
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उधर हरिद्वार में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए व्यापारी, पुरोहित और संत चिंतित नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि अगर देश या राज्य में फिर से लॉकडाउन लगता है. वह स्थिति सभी के लिए बहुत कष्टकारी होगी. हरिद्वार की जनता का कहना है कि कोरोना को लेकर लोग अभी भी जागरुक नहीं हैं. सरकार को देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाना चाहिए.
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वहीं मसूरी में होटल एसोसिएशन ने देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर चिंता जाहिर की है. एसोसिएशन का कहना है कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है, यहां की आर्थिकी पर्यटन पर आधारित है. अगर कोरोना बढ़ने से पर्यटन प्रभावित होता है तो सब कुछ चौपट हो जाएगा. इस पर गहन मंथन करने की आवश्यकता है.