देहरादून: कोरोना की सबसे ज्यादा मार युवाओं पर पड़ी है. कोरोना की वजह जहां पहले ही संस्थाएं कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहा है तो वहीं नौकरी की आस में बैठे युवाओं के सपने भी टूटते जा रहे है. हम बात रहे उन छात्र-छात्राओं की जो इसी साल कॉलेज से पास आउट हुए हैं. जिनका इसी साल के शुरुआत में कैंपस प्लेसमेंट तो हो गया था, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह वे अब ज्वाइनिंग नहीं कर पा रहे हैं.
देहरादून में एक निजी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन से पहले उनके यहां अलग-अलग स्ट्रीम्स से जुड़े 250 से 300 छात्र-छात्राओं का कैंपस प्लेसमेंट हुआ था. लॉकडाउन से पहले कई छात्रों ने ज्वाइन भी कर लिया था. इसके अलावा कुछ नामी कंपनियों के इंटरव्यू लॉकडाउन के दौरान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुए. जिनके लिए छात्र-छात्राओं का चयन भी कर लिया गया था. जिनकी ज्वाइनिंग अप्रैल से लेकर जुलाई महीने के बीच में होनी थी, लेकिन लॉकडाउन ने उनके सपना पर पानी फेर दिया. क्योंकि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उनकी अभीतक ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है. ऐसे में युवाओं को अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है.