देहरादून:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सहकारिता विभाग की बैठक हुई, जिसमें कई बिंदुओं पर निर्णय लिया गया है. बैठक में मुख्य रूप से समितियों के 100 फीसदी कंप्यूटराइजेशन के कार्य पर चर्चा हुई, जो पूरा हो गया है. लिहाजा केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से इसके उद्घाटन को लेकर समय मांगा जा रहा है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोटरसाइकिल योजना के अंतर्गत पहले एक मोटरसाइकिल दी जा रही थी, अब 10 मोटरसाइकिल दिए जाने पर निर्णय लिया गया है.
सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में सेब एवं कीवी के उत्पादन को मिशन मोड में लिया जाए. इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए. इनके उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. राज्य में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) की मजबूती पर विशेष ध्यान देने के साथ ही पैक्स को मजबूत बनाने के लिए प्रत्येक पैक्स के लिए नोडल अधिकारी बनाए जाएं.
प्राकृतिक खेती कलस्टर एप्रोच को बढ़ावा देते हुए सहकारिता को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के प्रयास किए जाए. सीएम धामी ने कहा कि राज्य में मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देकर अपने इन स्थानीय उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना होगा. सहकारिता से जुड़े लोगों को समय समय पर प्रशिक्षण की व्यवस्था एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया जाए. केंद्र एवं राज्य सरकार की ध्वजवाहक योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकें.
बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में विद्यार्थी क्रेडिट योजना और पैक्स के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने के लिए सहकारिता विभाग की ओर से जो योजना बनाई जा रही है, उसकी कार्रवाई जल्द की जाए. दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने से महिला सशक्तिकरण एवं किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना काफी कारगर साबित होगी. इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है. कृषि कार्यों के लिए 1 लाख और कृषियेत्तर कार्यों के लिए इस योजना के तहत 3 लाख रुपये तक ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सहकारिता विभाग किसानों, पशुपालकों, डेयरी संचालकों के बीच एक बेहतर समन्वय बनाने का कार्य करता है. लिहाजा सहकारिता विभाग का एक नोडल विभाग के रूप में ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो इस पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार की जो तमाम सुविधाएं हैं वो किसानों तक सीधे पहुंचे इसको लेकर भी चर्चा की गई है. इतना ही नहीं आने वाले समय में प्रदेश में 50 हजार पॉलीहाउस बनाए जाएंगे. साथ ही प्रदेश में डेयरी उत्पाद का आयात ना करने पड़े, इसके लिए भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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