देहरादून: दून चिड़ियाघर में तेंदुए के दो शावकों की दस्तक कई विवादों की वजह बन गयी है. स्थिति यह है कि जब से हरिद्वार रेस्क्यू सेंटर से उन्हें चिड़ियाघर लाया गया है, तभी से उन पर विवाद गहराने लगा है. ताजा मामला इन शावकों को चिड़ियाघर में लाने के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा न करने से जुड़ा है. हालांकि इस मामले में अभी विभाग के आला अधिकारी स्पष्ट जवाब देने के बजाय, मामले से बचने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं.
तेंदुओं पर तमाशा:देहरादून चिड़ियाघर में तेंदुओं के 02 शावकों पर वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. करीब 5 दिन पहले ही इन शावकों को हरिद्वार के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से देहरादून चिड़ियाघर लाया गया था. हैरानी की बात यह है कि शावकों को चिड़ियाघर में रखने से पहले जरूरी औपचारिकताओं को पूरा नहीं करने की बातें सामने आ रही हैं. दरअसल चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से देहरादून चिड़ियाघर मे लाने और इन्हें रखने को लेकर कई औपचारिकताओं को पूरा करना होता है. खबर है कि इन औपचारिकताओं को पूरा किए बिना ही दोनों शावकों को चिड़ियाघर में लाकर रख दिया गया.
पहले मुस्लिम नाम पर विवाद: वैसे आपको बता दें कि शावकों को चिड़ियाघर लाने के बाद विवाद का यह पहला मामला नहीं है. अभी शावकों को लाए हुए 5 दिन ही हुए हैं. इन 5 दिनों में ही 2 विवाद वन विभाग के गले की फांस बन गए हैं. दरअसल चिड़ियाघर में लाने के साथ ही इन शावकों के नाम को लेकर विवाद शुरू हो गया था. चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में रहने के दौरान इन दो शावकों के नाम रुखसाना और तहसीम रखे गये थे. बताया गया कि जिन लोगों ने इन शावकों को जंगल में रेस्क्यू किया था, उन्होंने इनके ये नाम रख दिये थे. तभी से चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में इन दोनों शावकों को इन्हीं नामों से जाना जा रहा था.
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