देहरादून: ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरकार से भारी वाहनों का माल भाड़ा बढ़ाने, कोरोना काल और चुनाव ड्यूटी में अधिग्रहित किए गए वाहनों के किराए भुगतान की मांग की है. ट्रांसपोर्टरों ने सरकार से सरेंडर पॉलिसी में बदलाव की भी मांग उठाई है. ट्रांसपोर्टर ने दिन प्रतिदिन डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि, स्पेयर पार्ट्स और टायर के दामों में वृद्धि, टोल टैक्स में लगातार वृद्धि व इंश्योरेंस प्रीमियम, ग्रीन टैक्स में वृद्धि जैसे मसलों को उठाया.
वहीं, दूसरी ओर पांच गुना रॉयल्टी बढ़ाये जाने के सरकार के फरमान के विरोध में प्रदेशभर के ठेकेदारों ने प्रांतीय खंड कार्यालय में मीटिंग कर इस फैसले का पुरजोर विरोध किया. साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो पूरे उत्तराखंड के ठेकेदार कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर चले जाएंगे.
ट्रांसपोर्टरों की बढ़ी मुश्किलें:ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस उत्तराखंड के स्टेट वाइस प्रेसिडेंट एपी उनियाल का कहना है कि हमारे संगठन ने इन मुद्दों को सरकार के समक्ष बार-बार उठाया. पर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ना ही इन समस्याओं का समाधान करने के लिए संवेदनशील लग रही है. उन्होंने कहा हमारे ट्रकों को बाजार में माल ढोने के लिए उचित भाड़ा भी भी नहीं मिल पा रहा है. जिससे हम लोग अपने ट्रकों का खर्चा भी निकालने में सक्षम नहीं हैं. इस पर ईएमआई चुकाना भी मुश्किल होता जा रहा है. उन्होंने कहा सरकार ने ई वे बिल के किलोमीटर में भी वृद्धि कर दी है. इसके अलावा जीएसटी के 5 वर्ष पूरे होने के बावजूद जीएसटी कानून की विसंगतियां दूर नहीं हो पाई हैं. इन सब कारणों से ट्रांसपोर्टरों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ठेकेदारों और ट्रांसपोर्टर ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा पढ़ें-भारत-तिब्बत-सीमा : पेट्रोलिंग के दौरान भूस्खलन की चपेट में आया सेना का जवान शहीद ठेकेदारों ने सरकार को दी चेतावनी: पांच गुना रॉयल्टी बढ़ाये जाने को लेकर प्रदेशभर के ठेकेदारों में भी आक्रोश है. ठेकेदारों ने कहा अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल की जाएगी. समस्त कार्यालयों में तालाबंदी भी की जाएगी. ठेकेदारों ने कहा वे प्रदेश के विकास की रीढ़ की हड्डी हैं. ये सरकार का भी मानना है, लेकिन अब नये नये कानून लाकर ठेकेदारों को परेशान किया जा रहा है. इससे ठेकेदारों का उत्पीड़न हो रहा है. इसके अलावा जो खानापूर्ति खनन पट्टाधारक को पूरी करनी पड़ती है अब वो ठेकेदारों को पूरी करनी पड़ेगी. अन्यथा उनपर 2 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा, जोकि ठेकेदारों के साथ अन्यायपूर्ण है.
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देहरादून ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह पुंडीर ने कहा कि ठेकेदारों की सरकार से ये भी मांग है कि बड़े टेंडरों को सरकार छोटा करे, जिससे छोटे ठेकेदार जिनका रोजगार केवल ठेकेदारी है, वो अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.