देहरादून:आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आपके घर तक पहुंचने वाला पानी पीने लायक भी नहीं है. सोसाइटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एनवायरमेंट कंजर्वेशन साइंटिस्ट (Society of Pollution and Environmental Conservation Scientists-SPECS) के सर्वे में यह बात सामने आई है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों और घरों से लिए गए सैंपल से यह पता चला है कि अधिकतर क्षेत्रों में पानी पीने लायक भी नहीं है. बड़ी बात यह है कि कई मंत्रियों और विधायकों के घरों में भी साफ पानी नहीं पहुंच रहा है.
यमुना कॉलोनी और हाथीबड़कला क्षेत्र जहां मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक के आवास हैं. वहां, भी पानी की शुद्धता सवालों में है. संस्था के फाउंडर डॉ बृज मोहन शर्मा कहते हैं कि पिछले 32 सालों से उनकी संस्था विभिन्न क्षेत्रों में शुद्ध जल अभियान के तहत पानी की शुद्धता का परीक्षण करती रही है. इस बार भी जो नतीजे सामने आए हैं, वह बेहद चिंताजनक हैं. जांच में पाया गया है कि पानी में कहीं क्लोरीन की मात्रा बेहद ज्यादा है, तो कहीं पर कॉलीफॉर्म (Coliform bacteria) की स्थिति असंतुलित है.
राज्य में जल संस्थान पर प्रदेशवासियों को पर्याप्त और स्वच्छ जल देने की जिम्मेदारी है. लेकिन सरकार अपनी इस संस्था पर स्वच्छ जल को लेकर कितना विश्वास करती है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सचिवालय से लेकर तमाम विभागों में लाखों रुपए के आरओ और प्यूरीफायर लगाए गए हैं. साफ है कि जब सरकार ही जल संस्थान द्वारा भेजे जा रहे पानी की स्वच्छता पर संदेह में है, तो आम आदमी पानी की स्वच्छता पर कैसे विश्वास कर सकता है?
डॉ बृजमोहन शर्मा कहते हैं कि साफ पानी आम आदमी का अधिकार है. अगर सरकार साफ पानी नहीं दे सकती तो जिस तरह टैक्स के पैसे से सरकारी कार्यालयों में आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) लगाए गए हैं. उसी तरह से आम लोगों को भी स्वच्छ जल के लिए आरओ दिए जाएं, क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे गरीब लोग हैं, जो पानी की शुद्धता के लिए सरकारी सिस्टम पर ही निर्भर हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम खुद ही पानी की शुद्धता को लेकर अपनी व्यवस्था पर विश्वास नहीं कर रहा है.
दूषित पानी से होने वाले रोग:दूषित पानी पीने से कई बीमारियां हो सकती हैं. इनमें बालों का सफेद होना, त्वचा रोग, पथरी की समस्या, लिवर, किडनी, आंखों और हड्डियों के जोड़ों में समस्या होती है. साथ ही पाचन क्षमता पर खराब असर, पेट में कीड़े, दस्त, पीलिया, उल्टी, अल्सर और पेट की दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं. इसको लेकर कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट कहते हैं कि दूषित पानी से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. लोगों को चाहिए कि वह उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पिएं, ताकि पानी की शुद्धता बनी रहे और तमाम बीमारियों से बचा जा सके.
वाटर प्यूरीफायर नुकसानदेह:डब्ल्यूएचओ की तरफ से हाल ही में जारी की गई चेतावनी के अनुसार आम लोग जिस आरओ का इस्तेमाल कर स्वच्छ पानी पीने का दावा करते हैं, वह भी शरीर के लिए नुकसानदायक बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि आरओ से सभी लवण और जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. सेहत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. उधर, दूसरी तरफ पानी के लिए गए नमूनों में पता चला कि जहां पानी में क्लोरीन की मात्रा 0.2 एमजी प्रति लीटर होनी चाहिए, वहीं कई जगहों पर यह मात्रा कई गुना तक ज्यादा पाई गई. कुछ नमूनों में पानी के भीतर क्लोरीन की मात्रा मिली ही नहीं.