उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कॉर्बेट के जिस जोन में नहीं बन सकती एक दीवार, वहां बन रहा आलीशान बंगला - आलीशान बंगला

उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क (corbett national park ramnagar) की ढिकाला जोन में करोड़ों रुपए की लागत से आलीशान बंगला तैयार किया जा रहा है. लेकिन, विभाग के बड़े अधिकारियों को इसकी खबर तक नहीं है.

ramnagar
ramnagar

By

Published : Jun 14, 2021, 8:28 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क (corbett national park ramnagar) में ढिकाला जोन (dhikala zone) वन्यजीवों की मौजूदगी के चलते बेहद संवेदनशील है. यही कारण है कि दशकों से इस क्षेत्र में कंक्रीट की एक दीवार तक नहीं बनी है, लेकिन कुछ लोगों के हौसले तो देखिए कि इस क्षेत्र में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के लिए एक आलीशान बंगला तैयार किया जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े बंगले को बनाने के लिए बजट कहां से आया, न तो यह पता चल पा रहा है और न ही मंजूरी देने वाले शख्स की जानकारी सामने आ पाई है.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन कानूनों के तहत किसी तरह के निर्माण पर पूरी तरह से पाबंदी है. बावजूद इसके नेशनल पार्क के ढिकाला क्षेत्र में बंगला बनाए जाने की खबर ने वन विभाग में हड़कंप मचा दिया है. यूं तो इससे जुड़े अधिकारी इसे डायरेक्टर हट की मरम्मत बता कर नियमों के लिहाज से ही निर्माण करने की बात कह रहे हैं. लेकिन हकीकत यह है कि सालों से टूटा छोटा सा हट एक बड़े आलीशान बंगले के रूप में तैयार कर लिया गया है.

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग की सफाई.

पढ़ें-कॉर्बेट पार्क पर दबाव होगा कम, अब फाटो रेंज में सफारी का आनंद ले सकेंगे पर्यटक

मामला प्रकाश में आते ही प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने इसकी जानकारी शासन को दी तो शासन ने इस पर फौरन अधिकारी नामित कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि कॉर्बेट में बने इस आलीशान बंगले को मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के लिए तैयार किया जा रहा है और अब तक इसका एक बड़ा स्वरूप भी तैयार कर लिया गया है. लेकिन इसकी मंजूरी किसने दी और इसके लिए बजट की व्यवस्था कहां से की गई, इसका पता नहीं लग पा रहा है. हालांकि मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग इस पर अपनी ही सफाई दी.

उन्होंने कहा कि वहां शुरू से ही डीडी हट, डायरेक्टर हट और बॉर्डर हट रहे हैं. ये सबसे पुरानी बिल्डिंगों में से एक था, जो बहुत जर्जर अवस्था में थी. इसको कॉर्बेट की गवर्निंग बॉडी में माना गया है. उसी के अनुसार ही इसका जीर्णोद्धार कराया गया. जैसे ही ये मामला शासन के संज्ञान में आया तो अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने फौरन अधिकारियों को जानकारी जुटाने के आदेश दे दिए.

हैरानी की बात यह है कि न तो प्रमुख वन संरक्षक से इस बंगले को बनाने की वित्तीय स्वीकृति ली गई और न ही शासन से इस पर कोई अनुमति ली गई है. हालांकि इस बंगले को बनाने के लिए वित्तीय प्रावधान को लेकर फाइल तैयार की गई थी, जिसमें बजट नहीं दिया गया था.

पढ़ें-कॉर्बेट प्रशासन ने अभी तक रिफंड नहीं किया पर्यटकों की बुकिंग का पैसा

जानकार बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की आड़ में जिस तरह के कॉर्बेट में बड़ा स्ट्रक्चर तैयार किया, वो बेहद चिंताजनक है. सबसे बड़ी बात यह है कि निदेशक कॉर्बेट की तरफ से क्यों इस काम को नहीं रोका गया. इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. उधर जानकार कहते हैं कि इसमें करीब एक करोड़ रुपए लगाए जा चुके हैं. ऐसे में इतनी बड़ी रकम कहां से आई यह एक बड़ा सवाल बन गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details