देहरादून: हरिद्वार जिले की ज्वालापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक सुरेश राठौर (BJP MLA suresh rathore) के खिलाफ एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप (Dhirendra Pratap) ने महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि महिलाएं भी गलती करती (objectionable statement on women) हैं और दोस्ती कर लेती हैं. उनको देखना चाहिए कि वो किससे दोस्ती कर रही हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर कोई अपमान हुआ है तो केस दर्ज होना चाहिए. ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल ही शपथ ली है. मातृ शक्ति ने इस राज्य को बनाया है. मातृ शक्ति चिल्ला रही है कि बीजेपी विधायक ने उसके साथ गलत किया है. उस पर केस दर्ज होना चाहिए. बता दें कि बीजेपी विधायक सुरेश राठौर (BJP MLA Suresh Rathore sexual abuse case) के खिलाफ हरिद्वार जिले के बहादराबाद थाने में रेप का मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर बीजेपी विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ ये मुकदमा दर्ज किया है. एक महिला ने बीजेपी विधायक सुरेश राठौर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है.
कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप का बयान. पढ़ें-ज्वालापुर से बीजेपी MLA सुरेश राठौर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज
राज्य आंदोलनकारी को कांग्रेस का समर्थन
प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने आगामी 14 जुलाई को राजभवन कूच करने का निर्णय लिया है. उनके इस निर्णय का कांग्रेस पार्टी ने समर्थन दिया है. राज्य आंदोलनकारियों के इस प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल होंगे.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मांग की है कि वो हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध राज्य आंदोलनकारियों की नौकरियों को वैधानिक स्वीकृति दिलाने के लिए विधानसभा का एक दिवसीय आपातकालीन सत्र बुलाएं. राज्य आंदोलनकारियों की बदौलत यह राज्य बना है. लेकिन साढ़े 4 साल बीतने के बाद भी भाजपा के दोनों मुख्यमंत्रियों ने आंदोलनकारियों के हितों के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया.
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते रोज राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद स्मारक में एक दिवसीय आपातकालीन सम्मेलन बुलाया था. उसमें फैसला लिया गया कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 14 जुलाई को राज्यपाल आवास का घेराव किया जाएगा. बीजेपी सरकार पिछले पांच सालों से कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 10% आंदोलनकारी आरक्षण के फैसले पर कुंडली जमाए बैठी है. इसी के खिलाफ प्रदेश के राज्य आंदोलनकारी 14 जुलाई को राजभवन घेराव करेंगे.