देहरादून: प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी दुबई पहुंच हैं. अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री धामी भारत के उद्योग समूह और विदेशी औद्योगिक घरानों से चर्चा करेंगे.इस दौरान मुख्यमंत्री ने दुबई में 5450 करोड़ के निवेश को लेकर करार किया है. यह करार पर्यटन, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट से जुड़े समूह के साथ किया गया. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने धामी सरकार के दुबई दौरे पर सवाल उठाए हैं.
सीएम के UAE दौरे पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- बिना उत्तराखंड को नीलाम किए निवेश लाए तो CM का होगा स्वागत - Uttarakhand Politics News
CM Pushkar Singh Dhami UAE Tour सीएम पुष्कर सिंह धामी के यूएई दौरे को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि इन्वेस्टर्स समिट में MoU साइन तो होते हैं, लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं होता है. कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए जमीनों की खुर्द-बुर्द को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कहा कि वो निवेश के विरोध में नहीं हैं, लेकिन पारदर्शिता होनी चाहिए.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 18, 2023, 9:37 AM IST
|Updated : Oct 18, 2023, 10:06 AM IST
कांग्रेस का कहना है कि यदि उत्तराखंड को नीलाम किए बिना मुख्यमंत्री प्रदेश में इन्वेस्टमेंट ले आते हैं तो निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री का स्वागत होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार के समय पीएम मोदी भी इन्वेस्टर्स समिट के लिए आए थे, उस समय राज्य सरकार ने दो लाख करोड़ के एमओयू साइन होने के बड़े-बड़े दावे किए थे. कहा था कि निवेश आने से राज्य में पलायन रुकेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर राज्य में कोई निवेश करने आ रहा है तो उसका स्वागत होना चाहिए. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के समय इन्वेस्टर समिट करा कर प्रदेश में पड़े निवेश का दावा किया गया था, लेकिन राज्य में 2 हजार करोड़ का भी निवेश नहीं आया.
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4 साल त्रिवेंद्र रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उसके बाद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश की कमान संभाली. कुछ महीनों बाद भाजपा संगठन ने पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि अब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को यह बताना चाहिए कि त्रिवेंद्र सरकार के समय हुए 2 लाख करोड़ के हुए एमओयू का क्या हुआ या फिर भाजपा त्रिवेंद्र सरकार के समय निवेशकों के साथ हुए एमओयू पर श्वेत पत्र जारी किया जाए. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी यह कहते हैं कि हमने त्रिवेंद्र सरकार के समय हुए करार को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है और अब असली एमओयू साइन किए जा रहे हैं. तब इस पर कांग्रेस को कोई एतराज नहीं है. लेकिन इन्वेस्टमेंट के नाम पहाड़ों की जमीन खुर्द-बुर्द की जाती है तो फिर कांग्रेस पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.
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