देहरादून:उत्तराखंड में चुनावी मुद्दों को धार्मिक मुद्दों से जोड़ने के प्रयास में लगी भाजपा महिलाओं के मुद्दे पर फंसती नजर आ रही है. भाजपा इन चुनावों में महिलाओं के अपमान को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठा रही, जबकि बीते सालों में बीजेपी के नेता और मुख्यमंत्री खुद महिलाओं को अपमान को लेकर चर्चाओं में रहे. यहां बयानों से उत्पीड़न के मामलों की लंबी फेहरिस्त है, जिसमें भाजपा फंसती दिख रही है.
उत्तराखंड में चुनाव बेहद नजदीक है लिहाजा राजनीतिक मुद्दों पर लगातार भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हैं. एक तरफ भाजपा शॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस घेरते हुए ओवर कॉन्फिडेंस में आकर आधी आबादी यानी महिलाओं को लेकर भी कांग्रेस को घेरने की कोशिश में थी. प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारे के साथ साथ लालकुआं में महिला का टिकट काटकर हरीश रावत को टिकट देने के मामले में कांग्रेस को घेरने चली थी लेकिन अब खुद भाजपा इस मामले पर अपने कार्यकाल में महिलाओं के हुए अपमान के मुद्दे में फंसती नजर आ रही है. उत्तराखंड में भाजपा सरकार में महिलाओं से हुए उत्पीड़न और अपमान को लेकर कुछ घटानाएं इस प्रकार से हैं.
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मुख्यमंत्री दरबार हुआ था शिक्षिका का अपमान: 4 जुलाई 2018 को जब उत्तराखंड में भाजपा के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत थे. तब जनता दरबार में एक शिक्षिका को सरेआम भाजपा के मुख्यमंत्री ने बेइज्जत किया था. इस मामले पर सरकार की काफी छीछालेदर हुई. इस शिक्षिका का नाम उत्तरा बहुगुणा था. इस महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि पिछले 30 सालों में इस महिला शिक्षिका का ट्रांसफर दुर्गम पहाड़ी इलाकों से नहीं हो पाया था, महिला तब अपना दर्द सुनाने मुख्यमंत्री दरबार में पहुंची थीं. मगर वहां क्या कुछ हुआ सभी ने देखा. मुख्यमंत्री ने महिला की बात नहीं सुनीं. जिसके बाद फटकारते हुए भरे जनता दरबार में बेइज्जत किया. साथ ही शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तक के आदेश भी दिए. वहीं, इस मामले पर मुख्यमंत्री भी काफी ट्रोल हुए. खुद उनकी धर्मपत्नी की पोस्टिंग पर भी लोगों ने कई तरह के सवाल खड़े किये.
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फटी जींस पर भाजपा के मुख्यमंत्री का संस्कारी ज्ञान: उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने के बाद लाए गए दूसरे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी महिलाओं को लेकर दिये गये बयानों से खूब चर्चाओं में रहे. 17 मार्च 2021 को एक कार्यक्रम में आम लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने महिलाओं के पहनावे को लेकर टिप्पणी की थी. जिसमें उन्होंने महिलाओं को संस्कार का पाठ पढ़ाते हुए कहा था कि जिन महिलाओं का पहनावा ठीक नहीं होता है उनके संस्कार सही नहीं होते. इस पर भी मुख्यमंत्री की खूब छीछालेदर हुई और भाजपा को आलोचकों का सामना करना पड़ा.