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तीर्थ-पुरोहितों को मिला कांग्रेस का समर्थन, श्राइन बोर्ड को बताया तुगलकी फरमान - श्राइन बोर्ड का विरोध

श्राइन बोर्ड मामले में सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब तीर्थ पुरोहितों को कांग्रेस पार्टी का भी साथ मिल गया है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश मुखिया प्रीतम सिंह ने सरकार के श्राइन बोर्ड लाने के फैसले को तुगलकी फरमान बताया.

congress stand with Priest community
तीर्थ-पुरोहितों को मिला कांग्रेस का समर्थन

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Published : Dec 8, 2019, 3:15 PM IST

देहरादूनःवैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चार धाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को श्राइन बोर्ड के अधीन किए जाने का तीर्थ-पुरोहित समाज विरोध कर रहा है. अब इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं. पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने तीर्थ-पुरोहितों की मांग को जायज बताया है. उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड लाना सरकार का तुगलकी फरमान है. इस मामले में तीर्थ-पुरोहित समाज और कांग्रेस पार्टी सोमवार को विधानसभा भवन के घेराव का ऐलान कर चुकी है.

तीर्थ-पुरोहितों को मिला कांग्रेस का समर्थन

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने श्राइन बोर्ड के प्रस्ताव पर सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस तरह से राज्य सरकार कह रही है कि श्राइन बोर्ड का गठन करते हुए चार धाम यात्रा को संचालित किया जाएगा. वैसे ये होना चाहिए था कि श्राइन बोर्ड गठन प्रस्ताव से पहले जो मसौदा सरकार ने तैयार किया था, उस मसौदे को लेकर राज्य सरकार तीर्थ पुरोहितों के बीच जाकर उनसे वार्ता करती. उनके विचारों को मसौदे में समायोजित करती, तब तो बात समझ आती.

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लेकिन, सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए तीर्थ-पुरोहितों के साथ विश्वाघात किया है. राज्य सरकार ये जताने की कोशिश कर रही है कि वो जो कर रहे हैं वह ठीक है. प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पुरोहित समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरी ताकत से इस लड़ाई को लड़ने जा रही है.

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वहीं, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने सरकार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि श्राइन बोर्ड के गठन का विरोध जारी रहेगा. सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान सरकार श्राइन बोर्ड विधेयक को सदन में ला सकती है. इसी के विरोध में सभी तीर्थ पुरोहित सोमवार को विधानसभा कूच करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस फैसले को निरस्त नहीं करती है तो आगामी सीजन में चारों धामों के कपाट खुलने का विरोध किया जाएगा.

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चारधाम समेत 51 मंदिरों को श्राइन बोर्ड के अधीन करने के सरकार के निर्णय के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है. अब देखना बाकी है कि क्या सरकार इन विरोध प्रदर्शनों के बीच श्राइन बोर्ड पर अपना फैसला बरकरार रखेगी.

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