देहरादून:पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की अदावत इन दिनों प्रदेश की सियासत में सुर्खियां बनी हुई हैं. जिससे सूबे में सियासत गर्मा गई है. वहीं दोनों नेताओं की बयानबाजी ने कांग्रेस को बैठे-बिठाए मौका दे दिया है. कांग्रेस का कहना है कि दोनों नेताओं की नूराकुश्ती की सजा जनता तय करेगी.
दरअसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के लिए त्रिवेंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अगर त्रिवेंद्र सरकार बेहतर कार्य करती तो तीरथ सरकार पर ऐसा बोझ नहीं पड़ता. जिसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी गणेश जोशी को अनुभवहीन बताते हुए उनकी टिप्पणी को महत्वहीन बताया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि अब यह जनता को तय करना है कि दोनों नेताओं के बीच चल रही इस बयानबाजी पर क्या सजा मुकर्रर करती है?
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है इस आपदा के समय सरकार को अपना पूरा फोकस महामारी से लड़ने में केंद्रित करना चाहिए था. लेकिन राज्य में भाजपा के दो दिग्गज नेताओं के बीच नूराकुश्ती देखने को मिल रही है. गरिमा दसौनी का कहना है कि ऐसे में यह मामला जनता के दरबार में आ गया है. अब जनता को इसका निर्णय करना होगा कि जब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी अपनी सरकार पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं, तो इससे साबित होता है कि विपक्ष ने कोरोनाकाल में जो आरोप लगाए थे, वह सत्य साबित हुए हैं.
भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन का कहना है कि नेताओं को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी बेहतर कार्य कर रही थी और अब भी सरकार अच्छा काम कर रही है.
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