चंदन रामदास के निधन के बाद सवालों में 'एयर एंबुलेंस' सेवा. देहरादूनःकैबिनेट मंत्री रहे चंदन रामदास के निधन पर उत्तराखंड में राजनीति शुरू हो गई. एक तरफ जहां कांग्रेस का कहना है कि यदि समय पर चंदन राम दास को एयरलिफ्ट किया जाता तो उनकी जान बच सकती थी तो वहींं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन को लेकर कांग्रेस के आरोपों को घटिया राजनीति करार दिया है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि चंदन रामदास के परिजन समेत सभी जानते हैं कि तत्काल परिस्थितियों में जो भी बेहतर इलाज संभव हो सकता था, वो उपलब्ध कराया गया. ऐसे में इलाज में त्रुटि की बात करना गैर जिम्मेदाराना बयान है. महेंद्र भट्ट ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है. उन्होंने ये भी कहा कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को भी एयर एंबुलेंस को भेजा गया था. प्रकृति, सृष्टि और अनहोनी के साथ इस तरह के प्रश्न खड़ा कर मृत आत्मा के प्रति संदेश व्यक्त कर अपमानित कर रही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जोशीमठ की घटना ने उन्हें इतना उद्वेलित किया है कि उनका मानसिक संतुलन खराब हो गया है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रही दिवंगत इंदिरा हृदयेश दिल्ली के उत्तराखंड सदन में थीं, उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक था, लेकिन शाम को जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ा तब उनकी मृत्यू हो गई, लेकिन उन्हें एयरलिफ्ट नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि उसी प्रकार यह कहा जा रहा है कि चंदन रामदास के परिजनों ने उनको एयरलिफ्ट किए जाने की बात की थी. निश्चित ही उनको बचाया जा सकता था, ऐसे में यदि उनको एयरलिफ्ट किया जाता तो उनका जीवन बचाया जा सकता था. माहरा का कहना है कि एक तरफ चारधाम यात्रा चल रही है, लेकिन पिछली बार की तरह पर्यटन मंत्री इस बार भी गायब हैं. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी चारधाम यात्रा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नाटक के चुनाव में व्यस्त हैं. बीजेपी को चुनाव और बूथ केसिवाय कुछ नहीं दिखाई देता है. महेंद्र भट्ट को दूसरों पर खोट के अलावा और कुछ नहीं दिखाई देता है.
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कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री चंदन रामदास की तबीयत बिगड़ने पर शासन के अधिकारियों को फोन किया गया था, लेकिन ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही के चलते मंत्री चंदन रामदास की जान गई है. क्योंकि, अगर समय पर हेलीकॉप्टर उपलब्ध हो गया होता तो शायद मंत्री चंदन राम दास को बचाया जा सकता था, लेकिन मौजूदा समय में मंत्री और ब्यूरोक्रेसी एक दूसरे के झगड़े में अटके हुए है कि एसीआर कौन लिखेगा? साथ ही कहा कि सरकार और सिस्टम भले ही इस बात से इंकार कर रहा हो, लेकिन इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
बता दें कि बीती 26 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास अपने गृह क्षेत्र बागेश्वर में ही मौजूद थे. अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी तो उनके पीए और बेटे ने शासन के अधिकारियों से हेलीकॉप्टर की मांग की, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा. अब विपक्षी दल कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने का काम कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार जब अपने मंत्री के लिए ही हेलीकॉप्टर की व्यवस्था नहीं कर सकती है तो किसी और व्यक्ति के लिए हेलीकॉप्टर या फिर एयर एंबुलेंस की व्यवस्था कैसे करेगी?