देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में संगठन की मजबूती और पार्टी के शीर्ष नेताओं में मनमुटाव को दूर करने के लिए तीन दिवसीय बैठक आज संपन्न हो गई. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में आज अनुषांगिक संगठनों के साथ बैठक की गई. जिसमें आगामी रणनीति पर मंथन करने के साथ ही संगठन को मजबूत करने की दिशा पर भी चर्चा की गई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से 6 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आज फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में सभी साथियों ने अपने अपने विचार रखें. इस दौरान विभिन्न विषयों पर बातचीत करते हुए 6 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए.
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पहला प्रस्ताव
प्रीतम सिंह ने बताया कि इंदिरा गांधी ट्रस्ट, राजीव गांधी ट्रस्ट और राजीव गांधी फाउंडेशन पर जिस तरह से केंद्र सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है कांग्रेस इसका विरोध करती है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों से कांग्रेस पूछना चाहती है कि केंद्र सरकार जय शाह और अडानी की तरफ भी देखे. इन लोगों को भाजपा का साथ मिला हुआ है.उन्होंने नोटबंदी के समय का भी जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के एक बैंक में नोटबंदी के समय सात हजार करोड़ रुपये बदले गए थे, उसका भी केंद्र सरकार के पास हिसाब किताब होना चाहिए. प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि सरकार बदले की भावना से काम करेगी तो कांग्रेस को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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दूसरा प्रस्ताव
प्रीतम सिंह ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से 250 दिन मजदूरों को काम दिया जाना चाहिए. उन्हें केंद्र सरकार तीन सौ रुपये बतौर मजदूरी अदा करे. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के बिना पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता, ऐसे में सरकार को यूएसबी बढ़ानी चाहिए. इसके साथ-साथ मजदूरी में भी इजाफा किया जाना चाहिए.
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तीसरा प्रस्ताव
कोरोना काल में राज्य कर्मचारी फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के एक दिन के वेतन कटौती का निर्णय लिया है. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस सरकार से कहना चाहती है कि एक दिन वेतन कटौती के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.