देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में खींचतान के बाद पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश मंगलवार को देहरादून पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा चुनावी रणभेरी बज चुकी है. अब सेनाएं बस आमने-सामने आने वाली हैं. तीनों सेनाओं की साज-सज्जा, हथियार, सामान और चुनावी प्रबंधन के लिए वह उत्तराखंड कांग्रेस को मजबूत करने के लिए आए हैं.
उत्तराखंड में हरक सिंह रावत को लेकर प्रदेश में सियासत गर्म है. जब हरक को लेकर कांग्रेस पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश से सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत को कांग्रेस में लिया जाना है या नहीं, इसको लेकर शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है. वहीं लगातार हरक का कांग्रेस कार्यकर्ताओं किए जा रहे विरोध पर भी उन्होंने कहा कि इसमें देखना होगा कि कार्यकर्ताओं की भावनाएं क्या है और शीर्ष नेतृत्व का निर्णय क्या है? इसके अलावा और भी चुनाव में अन्य कई बड़े विषय हैं. जिन पर वह काम करना शुरू कर रहे हैं. अब वह लगातार उत्तराखंड में ही रहेंगे.
कांग्रेस पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश से खास बातचीत ये भी पढ़ें:कल दिल्ली में होगी बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक, सीएम धामी रहेंगे शामिल
उत्तराखंड में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे में विरोधाभास नजर आ रहा है, इसको लेकर पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश ने कहा कि महिला शक्ति को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी पूरी तरह से समर्पित है. वहीं उत्तराखंड में नाराज कांग्रेस महिला कार्यकर्ताओं को लेकर उन्होंने कहा वह कोशिश करेंगे कि सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाए. उनकी कोशिश होगी कि चुनाव के बावजूद भी महिलाओं को उचित सम्मान मिले और उनको उनके मेहनत का उचित परिणाम मिले.
वहीं, कोविड महामारी के दौर में विधानसभा चुनाव में बदले तौर-तरीकों पर मोहन प्रकाश ने कहा कि भले ही भाजपा के पास धन, बल और सत्ता है, लेकिन कांग्रेस के पास समर्पित कार्यकर्ता हैं. कांग्रेस पिछले लंबे समय से अपने तकनीकी हिस्से को मजबूत करने में जुटी हुई है. इसका असर भी पिछले लंबे समय में देखने को मिला है, जहां पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया में बहुत तेजी से बढ़त बनाई है.